लगान और गंगाजल में काम कर चुकीं अभिनेत्री ग्रेसी सिंह अपने करिअर को लेकर संतुष्ट हैं। उनका मानना है कि वह रचनात्मक भूख मिटाने के लिए अभिनय करती हैं। वरना उनका पहला प्रेम तो शास्त्रीय नृत्य है।
क्या कोई बच्चा गणित का कठिन से कठिन सवाल तीन मिनट में हल कर सकता है। जवाब हां भी हो सकता है लेकिन 120 सवालों के जवाब अगर तीन मिनट में हल करना हो तो यह कैसे संभव है। लेकिन एबेकस तकनीकी के जरिए एक, दो या तीन बच्चें नहीं बल्कि तीन हजार बच्चों ने जब एक साथ सवालों के जवाब हल करना शुरू किया तो सभी ने दांतों तले उंगली दबा ली।
चीन के शीर्ष परिवार नियोजन प्राधिकार ने जोर दिया है कि उससे जुड़े स्थानीय संगठनों को फिलहाल तब तक एक बच्चे की नीति लागू रखनी होगी जब तक कि सभी दंपति के लिए दो बच्चों की नई नीति को कानूनी रूप नहीं मिल जाता है।
चीन ने आज दशकों पुरानी एक बच्चे की अपनी विवादास्पद नीति को निरस्त कर दिया। अब चीन की सरकार के इस कदम से विश्व के सर्वाधिक आबादी वाले देश में सभी दंपतियों को दो बच्चे रखने की अनुमति मिल गई है।
कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने पीएम मोदी पर सवाल उठाया कि अगर उन्हें अपनी मां की इतनी ही परवाह है तो अपने साथ क्यों नहीं रखते। 12 साल गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के बावजूद पीएम ने उन्हें अपने शपथ-ग्रहण समारोह तक में नहीं बुलाया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को झूठा करार दिया है कि जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी मां दूसरों के घरों में बर्तन साफ करती थीं।
दिल्ली में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के कारण हो रही मौतों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आज एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा।
निजी टीवी चैनल आईबीएन-7 पर लाइव बहस के दौरान तकरार मारपीट तक पहुंच गई। रविवार को प्रोग्राम ‘आज का मुद्दा’ में राधे मां और उन पर लगने वाले आरोपों को लेकर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान ओमजी महाराज नाम के एक तथाकथित धर्मगुरू ने स्टूडियों में बैठीं दीपा शर्मा नाम की महिला पर व्यक्तिगत टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं। इससे गुस्साई दीपा शर्मा ने ओमजी महाराज को थप्पड़ रसीद कर दिया। फिर क्या था महिला और महाराज के बीच शो के दौरान ही हाथापाई शुरू हो गई। प्रोग्राम के वीडियो में महाराज भी महिला को थप्पड़ मारते हुए दिखाई दे रहे हैं।
बीस साल की सहरुमा पेट से है। नवां महीना जारी है। उसके पास न तो जच्चा-बच्चा कार्ड और न ही उसे पता है कि बच्चे की पैदाइश कहां हो सकेगी। पिछले चार महीनों से उसने डॉक्टर के यहां कोई चेकअप भी नहीं करवाया है। सहरुमा फरीदाबाद के गांव अटाली के उस अल्पसंख्यक पीड़ित समुदाय से है जिन्हें सांप्रदायिक हिंसा के चलते चार महीने पहले अपना घर और गांव छोड़ना पड़ा था। फरीदाबाद के अटाली में हालात जस के तस हैं। जिन 175 परिवारों ने गांव छोड़ा था उनके हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। गौरतलब है कि लगभग चार महीने पहले अटाली गांव में मस्जिद बनाने के विवाद पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज अपनी सभी सफलताओं का श्रेय अपनी मां को दिया और बचपन की यादों को ताजा करते हुए कहा कि वह बेमिसाल शरारती लड़के थे जो अपनी मां को खूब परेशान करता था।
ऐसा लगता है कि हिंदूवादी शक्तियों ने धार्मिक जनगणना के आंकड़ों को भुनाना शुरू कर दिया है। तभी तो शिवसेना की आगरा इकाई ने उन हिंदू परिवारों को दो लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है जिनके परिवार में पांच बच्चे होंगे।