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Search Result : "30 प्रतिशत बढ़ोतरी"

भारत का स्मार्टफोन बाजार सात प्रतिशत घटा : सीएमआर

भारत का स्मार्टफोन बाजार सात प्रतिशत घटा : सीएमआर

स्मार्टफोन की बिक्री भारत में इस साल पहली तिमाही में सात प्रतिशत घटकर 1.95 करोड़ इकाई रह गई। साइबर मीडिया रिसर्च ने बुधवार को कहा कि ऐसा शुल्क ढांचे में बदलाव और चीन से सीमित आपूर्ति के कारण हुआ।
भारतीय अर्थव्यवस्था 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी: मूडीज

भारतीय अर्थव्यवस्था 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी: मूडीज

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस वर्ष आंशिक रूप से बढ़कर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2014 में 7.2 प्रतिशत थी और ब्याज दरों में कटौती से निजी क्षेत्र में व्यय बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह बात वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज की समूह कंपनी ने कही।
2017 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर आठ प्रतिशत हो जाएगी

2017 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर आठ प्रतिशत हो जाएगी

विश्व बैंक का अनुमान है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2017 तक आठ प्रतिशत पर पहुंच जाएगी और देश में मजबूत विस्तार तथा तेल की अनुकूल कीमतों के चलते दक्षिण एशिया की वृद्धि दर बढ़ेगी।
भारत की वृद्धि दर चीन से 7.8 प्रतिशत आगे होगी : एडीबी

भारत की वृद्धि दर चीन से 7.8 प्रतिशत आगे होगी : एडीबी

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने मंगवार को अनुमान जताया है कि भारत की वृद्धि दर चीन को पार कर अगले वित्त वर्ष के दौरान बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी और 2016-17 में यह 8.2 प्रतिशत हो जाएगी।
आरटीई के तहत 29 प्रतिशत सीटें ही भरी गईं

आरटीई के तहत 29 प्रतिशत सीटें ही भरी गईं

2013-14 में देशभर में स्कूलों में वंचित वर्ग के छात्रों के लिए कानून के इस उपबंध के तहत आरक्षित सीटों की संख्या 21,40,287 थी जिसमें से केवल 29 प्रतिशत ही भरी जा सकीं।
आरबीआई की नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं, एसएलआर आधा प्रतिशत घटा

आरबीआई की नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं, एसएलआर आधा प्रतिशत घटा

राजकोषीय और मुद्रास्फीति सेहत अपरिवर्तित रहने के कारण ब्याज दरों को कम करने की जरूरत नहीं, रेपो दर को भी 7.75 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा
शिशिर की शर्वरी हिंस्र पशुओं भरी

शिशिर की शर्वरी हिंस्र पशुओं भरी

बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या के अलावा आउटलुक के अस्तित्व के इन 12 वर्षों में भारतीय समाज की दूसरी हिंसा कृषि संकट और बढ़ते शहरीकरण के प्रसंग में दिखती है। सन 2001 के पूर्ववर्ती दशक में शहरी आबादी 6.18 करोड़ बढ़ी थी जो 2001 से 2011 के बीच 9.1 करोड़ बढ़ी। ग्रामीण आबाद 2001 के पूर्ववर्ती दशक में 11.3 करोड़ बढ़ी थी लेकिन 2001 से 2011 के बीच यह सिर्फ 9.06 करोड़ बढ़ी। यानी शहरी आबादी वृद्धि दर के मुकाबले ग्रामीण आबादी वृद्धि दर कम हुई। यानी आजीविका के अभाव में या विभिन्न परियोजनाओं के चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण आबादी उजडक़र शहरों में आई। यह तर्क दिया जा सकता है कि विकास के कारण ग्रामीण आबादी की गतिशीलता बढ़ी और वह शहरों में बेहतर अवसर तलाशने आई इसलिए इसे आपदा-पलायन नहीं कह सकते। लेकिन इस दौरान शहरों में भी संगठित रोजगार घटा यानी गांवों से शहरों में होने वाला आव्रजन आपदा-पलायन ही था। यही कृषि संकट का भी दौर रहा जब देश में बड़े पैमाने पर किसानों ने आत्महत्या की।
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