दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग आज आईआईटी-दिल्ली के छात्रों से रूबरू हुए। इस दौरान आयोजित एक गोष्ठी में उन्होंने देश भर से पूछे गए सवालों के जवाब दिए। जुकरबर्ग की इन बातों में इंटरनेट और सोशल मीडिया को लेकर फेसबुक की भावी रणनीति की झलक देखी जा सकती है। जानिए, इस बार भारत को क्या बताकर गए जुकरबर्ग
देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शुमार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ज्यादातार उम्मीदवार इम्तिहान में बैठे बिना ही दौड़ से बाहर हो जाते हैं। इस साल करीब 51 फीसदी उम्मीदवार आवेदन करने के बावजूद परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इस तरह ज्यादातर उम्मीदवारों का प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना सिर्फ फार्म भरने तक सीमित रह गया।
मर्लिन मुनरो की उत्तेजक तस्वीर वाले कवर के साथ वर्ष 1953 में लांच हुई व्यस्कों की पत्रिका प्लेबाॅय अब महिलाओं की पूर्ण नग्न तस्वीरें नहीं छापेगी। महिलाओं की नग्नता से जुड़ी वर्जना तोड़ने वाली पत्रिका के लिए यह साहसिक कदम है। दरअसल, इंटरनेट का शिकार होने वाली चीजों की फेहरिस्त में अब प्लेबॉय भी शामिल हो गई है।
उत्पाद शुल्क में लगभग 70 प्रतिशत के जोरदार उछाल के साथ अप्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 35.8 प्रतिशत बढ़कर 3.24 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि की झलक मिलती है। एक साल पहले इसी अवधि में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2.38 लाख करोड़ रुपये रहा था।
अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।
आपके फेसबुक, वाट्स एप और जीमेल पर सरकारी शिकंजे का खतरा फिलहाल टल गया है। केंद्र सरकार ने नेशनल इन्क्रिप्शन पॉलिसी का विवादित मसौदा वापस ले लिया है। मसौदा के अनुसार वाट्स एप, फेसबुक जैसे मैसेज 90 दिनों से पहले डिलीट करना गैर-कानूनी करार दिया जा सकता था। हालांकि, मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकार को सफाई देनी पड़ी है कि वाट्स एप, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन पेमेंट गेटवे को इस नीति से छूट दी जाएगी। इस पर भी विवाद शांत नहीं हुआ तो सरकार को विवादित ड्राफ्ट वापस लेना पड़ा।
पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल को हिरासत में लिए जाने के बाद गुजरात सरकार ने कानून व्यवस्था से निबटने और किसी अफवाह को फैलने से रोकने के लिए समूचे गुजरात में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर आज रोक लगा दी।