दिल्ली नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर इस्तीफेे का चौतरफा दबाव पड़ा रहा है। सबसे ज्यादा निशाना उनकी "बहानेबाजी" और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति को बनाया जा रहा है।
दिल्ली नगर निगम में भाजपा को तीसरी बार बहुमत मिलना एक बड़ी कामयाबी है। विधानसभा चुनाव में 3 विधायकों पर सिमटी भाजपा के लिए यह डगर आसान नहीं थी। यह दिल्ली में भाजपा के नए चेहरों और नई रणनीति की जीत है। उधर, आम आदमी पार्टी विधानसभा की जबरदस्त जीत के बाद जनता की जबरदस्त नाराजगी का शिकार हो गई है।
एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी को हुए नुकसान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव के मुकाबले उसका वोट प्रतिशत घटकर करीब आधा रह गया है।
लोकपाल आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल के गुरु रहे अन्ना हजारे ने कहा कि अब आप से लोगों का भरोसा उठ गया है। अरविंद केजरीवाल की कथनी-करनी में फर्क आ गया है। उनकी सत्ता की भूख ही आप को ले डूबी।
एमसीडी में आप और कांग्रेस की हार के बाद इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है। आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक दिलीप पांडेय ने बुधवार शाम को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आप विधायक अलका लांबा ने भी इस्तीफे की पेशकश की है।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए रविवार को हुए मतदात में कई जगह ईवीएम में गड़बड़ियां सामने आई हैं। इससे आम आदमी पार्टी को ईवीएम पर सवाल उठाने का एक मौका और मिल गया है।
दिल्ली नगर निगम के 270 वार्डों के लिए आज मतदान संंपन्न हो गया है। इस दौरान ईवीएम मशीनाेें में कई जगह गड़बड़ियों की शिकायतें आईं लेकिन मोटे तौर पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
देशभर में एक ओर मोदी सरकार लाल बत्ती हटाकर वीआईपी कल्चर को खत्म कर रही है वहीं दूसरी तरफ उसके कुछ नेताओं की दादागिरी भी आए दिन सामने आ रही है। ताजा मामला सीतापुर के भाजपा विधायक का है। विधायक राकेश राठौर ने कुछ विलंब होने की वजह से टोल प्लाजा कर्मियों को चांटा रसीद कर दिया।