एक ओर जहां महिलाओं की सुरक्षा और समानता को लेकर विभिन्न तरह की मुहिम चलाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने वाले कानूनों को ही रद्द कर दिया हैं। ट्रंप ने इन कानूनों को रद्द करने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कानून बनाए थे, जिनको ट्रंप ने खत्म कर दिया है।
सरकार ने 2000 रुपये के नए नोटों को बंद किए जाने की अटकलों पर आज वस्तुत: विराम लगा दिया और कहा कि नकली नोटों की समस्या पर काबू के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं। गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने राज्यसभा में कहा कि इस संबंध में चल रही अफवाहों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए।
चुनावों में मतपत्रों के इस्तेमाल के लिए कानून में बदलाव करने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन चुनाव आयोग का मानना है कि चुनाव कराने के लिए ईवीएम ज्यादा विश्वसनीय और सुरक्षित तरीका है।
गोवंश सुरक्षा को लेकर गुजरात विधानसभा ने एक नया कानून पारित किया है। इसके बाद गो हत्या करने वाले को उम्रकैद की सजा होगी। वहीं गो मांस मिलने पर सात से दस साल की सजा होगी। गो मांस के साथ पकड़े जाने पर एक लाख से पांच लाख का आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने रोजगार के मसले पर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है। सिब्बल ने राजयसभा में कहा कि सरकार ने दो करोड़ रोजगार के अवसर मुहैया कराने का वादा किया था जबकि साल भर में एक लाख 30 हजार रोजगार के अवसर ही उत्पन्न हो पाए।
राज्यसभा में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने का अपना वादा पूरा नहीं किया जिसकी वजह से महाराष्ट्र में 117 किसानों ने और अन्य राज्यों भी में किसानों ने आत्महत्या की।
राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने पेट्रोल पंपों पर ईंधन खरीदने के बाद क्रेडिट कार्ड से भुगतान किए जाने पर ट्रांजेक्शन सरचार्ज लगाए जाने तथा एटीएम से रुपये निकालने पर नये अधिभार लगाए जाने को लेकर चिंता जाहिर की।
लोकसभा चुनाव में हारने के बाद राज्यसभा के रास्ते सांसद बनने पर रोक लगाने संबंधित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सवालिया निशान उठाए हैं। न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और विनोद गोयल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि कानून बनाना और उसमें बदलाव करना न्यायपालिका का काम नहीं है, इसके लिए सरकार को चुना जाता है। न्यायपालिका केवल इस बात की समीक्षा कर सकती है कि यह कानून देश के बुनियादी ढांचे व संविधान के अनुरूप बनाए गए हैं या नहीं।