केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मध्य प्रदेश के रहने वाले दवे 60 वर्ष के थे। संघ से जुड़े दवे को पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में जगह दी थी।
काम के प्रति समर्पण और सादा जीवन अनिल माधव दवे की खासियत रही है। पर्यावरण संरक्षण में उन्होंने अपना सबकुछ अर्पित कर दिया था। इसी वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में जगह देकर उन्हेंने पर्यावरण को और बेहतर करने का जिम्मा दिया था। दवे ने मां नर्मदा की काफी सेवा की। नर्मदा के संरक्षण में उनकी उल्लेेखनीय भूमिका, उनके सामाजिक सरोकार की व्यांख्या करती है। मुस्कान के साथ सरल छवि वाले दवे पूरी तरह से कर्मयोगी थे।
अनिल माधव दवे देश के पर्यावरण मंत्री बनने से पहले पर्यावरण के समर्पित कार्यकर्ता थे। सैकड़ों-हजारों वर्षों से चली आ रही नर्मदा यात्रा को उन्होंने समग्र दृष्टिकाेेेण दिया था। लेकिन नर्मदा पु्त्र दवे की जीवन यात्रा पर इतनी छोटी होगी, किसी को आभास नहीं था।
अनिल माधव दवे, एक शौकिया पायलट, लेखक, पर्यावरणविद, नदी संरक्षणवादी, एक सांसद, पर्यावरण मंत्री और विभिन्न भूमिकाओं के लिए पहचाने जाते रहे हैं। संघ से ताल्लुक रखने वाले अनिल दवे को एक प्रखर प्रवक्ता के तौर पर जाना जाता था। पर्यावरणविद अनिल माधव दवे का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के बड़नगर गांव में 6 जुलाई 1956 को हुआ था।
केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री :स्वतंत्र प्रभार: अनिल माधव दवे ने प्राकृतिक खेती को विशेष रूप से नर्मदा नदी के बेल्ट में बड़ी तादात में बढ़ावा देने का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को रोका जाये, ताकि समूचे देश के कृषि क्षेत्र में उपयोग किये जा रहे रासायनिक उर्वरकों के हानिकारक प्रभावों से लोगों को बचाया जा सके।
गुजरात के सूरत में एक व्यवसायी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान से प्रेरित होकर पाटीदार समुदाय की करीब दस हजार लड़कियों में 200 करोड़ रुपए का बॉन्ड बांटा है।
ट्रंप प्रशासन ने ओबामा प्रशासन द्वारा नियुक्त किए गए भारतीय-अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति को पद छोड़ने के लिए कहा है ताकि मौजूदा सरकार की पसंद के व्यक्ति को इस पद पर बैठाया जा सके।
31 वर्षीय एक भारतीय अमेरिकी उद्यमी न्यूजर्सी में गर्वनर पद की दौड़ में शामिल हैं। यहां इस साल के आखिर में चुनाव होना है। रिपब्लिकन हर्षवर्धन सिंह ने गर्वनर चुने जाने के बाद संपत्ति करों में कटौती और न्यूजर्सी को तकनीकी क्षेत्रों में देश का प्रमुख स्थान बनाने का वादा किया है।
भारतीय अमेरिकी डॉक्टरों के एक संगठन ने भारत में डॉक्टरों पर बढ़ते हमलों की निंदा की। साथ ही सगंठन ने चिकित्सीय पेशेवरों के खिलाफ होने वाली हिंसा को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप की भी मांग की है।