सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। कोर्ट का आदेश लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें मानने के मामले में गलत हलफनामा देने पर आया है। साथ ही कोर्ट ने ताकीद किया है कि माफीनामे की भाषा एकदम साफ होनी चाहिए और इसमें किसी तरह का गोलमाल नहीं होना चाहिए।
अगले महीने शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने के वास्ते साइकिल चुनाव चिन्ह पर अपना दावा पुख्ता करने की कोशिश के तहत अखिलेश यादव गुट ने पार्टी के जन प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के हस्ताक्षर वाले हलफनामे चुनाव आयोग को सौंपे। इसमें दावा किया गया कि 229 में 200 से अधिक विधायकों, 68 विधान परिषद सदस्यों में से 56 विधान परिषद सदस्यों, सहित 90 प्रतिशत जनप्रतिनिधियों और प्रतिनिधियों का हस्ताक्षर है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 21 राज्य इकाइयों ने पहले ही लोढा समिति को पुष्टि कर दी है कि वे सभी सुधारवादी कदमों को लागू करेंगे लेकिन इस बीच पूर्व अध्यक्षों एन श्रीनिवासन और अनुराग ठाकुर ने बेंगलुरू में अनौपचारिक बैठक में हाथ मिलाए।
बीसीसीआई के विद्रोही तेवरों के प्रति कड़ा रवैया अपनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज उसके अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को उनके पदों से हटा दिया और कहा कि उन्हें तुरंत प्रभाव से बोर्ड का कामकाज करना बंद कर देना चाहिए।
लोढा समिति के सुधारवादी कदम रोकने के लिए सोमवार को बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में बर्खास्त किए गए अनुराग ठाकुर ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कहा कि अगर शीर्ष अदालत को लगता है कि क्रिकेट बोर्ड सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के मार्गदर्शन में अच्छा करेगा तो वे उन्हें शुभकामनाएं देतेे हैं।