पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा अलगाववादी मसर्रत आलम की रिहाई के मामले में दिए बयान के बाद पीडीपी और भाजपा के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। भाजपा का अब कहना है कि जबरन तनाव पैदा किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से सरकार चला रही पीडीपी का कहना है कि राज्य से कोई भी ताकत धारा 370 को नहीं हटा सकती है। इस बयान से पता चलता है कि बीजेपी और पीडीपी के बीच की खाई पटने का नाम नहीं ले रही है।
मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनी जिसके साथ ही राज्य में 49 दिनों से चला आ रहा राज्यपाल शासन खत्म हो गया। राज्यपाल एन एन वोहरा ने जम्मू में 79 वर्षीय सईद को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उपमुख्यमंत्री के तौर पर भारतीय जनता पार्टी के निर्मल सिंह ने शपथ ली।
इसे लोकतंत्र का कमाल कहिये या सीमा कि वैचारिक तौर पर बिल्कुल विपरीत धरातल पर खड़ी दो पार्टियां मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने जा रही हैं। सारी तैयारियां हो चुकी हैं। रविवार को पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। दिल्ली में मुफ्ती और मोदी ने मिलकर इस बात पर अंतिम फैसला कर लिया है।
जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार के गठन की घोषणा जल्द हो सकती है जिसमें अनुच्छेह 370 और आफस्पा जैसे विवादास्पद मुद्दों को शामिल करते हुए काफी सावधानी पूर्वक तैयार न्यूनतम कार्यक्रम का मसौदा शामिल है।