वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। फुल्का के इस्तीफे से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि फुल्का ने पार्टी पदों से अपने इस्तीफे की वजह 84 सिख दंगे मामले पर ध्यान केंद्रित करने को बताया है। लेकिन इसके बावजूद कई प्रश्न उठ रहे हैं।
पेटलावाद में हुए भीषण विस्फोट में मारे गए लोगों लगातार बढ़ती संख्या साफ बताती है कि यह विस्फोट कितना भीषण था। घटना की भीषणता और इसमें राजनीति से जुड़े लोगों के नाम सामने आने पर स्थानीय कांग्रेस नेतओं ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को एक बड़ी राहत मिल गई है। सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने एफआईआई पर पिछली तारीख से विवादास्पद न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) लगाने का कोई मामला नहीं बनता है। बताया जाता है कि सरकार इस सुझाव पर सकारात्मक रख के साथ विचार कर रही है।
अभिनेता अरुण गोविल भारत के टीवी जगत में एक जाना पहचाना नाम हैं। लगभग 25 साल पहले रामायण में निभाए गए भगवान राम के किरदार के लिए पूरा देश उन्हें आज भी याद करता है। गोविल इस समय टीवी पर बहुत कम सक्रिय हैं। हाल ही में वे डीडी किसान चैनल से जुड़े हैं। और अब भाजपा से जुड़ने की खबरों से चर्चा में हैं।
श्रम कानूनों में सुधार के प्रस्तावों पर श्रम संगठनों के कड़े विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि श्रम कानूनों में जरूरी सुधार किए जाएंगे मगर ये सुधार श्रम संगठनों के परामर्श और उनकी सहमति से ही होंगे। प्रधानमंत्री ने यहां 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
शोध छात्र के यौन उत्पीड़न मामले को लेकर विवादों में घिरे सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल वालसन थम्पू ने सोमवार को कहा कि अगर यह साबित हो जाए कि संस्थान के लिए वह शर्मिंदगी का कारण बन गए हैं तो इस्तीफा दे देंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लगता है कि इस मामले में शिकायतकर्ता को दिल्ली पुलिस की ईमानदारी पर भरोसा नहीं है।
व्यापामं घोटाले की जांच से जुड़े जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डाॅ. अरुण शर्मा की रहस्यमय हालत में मौत हो गई है। करीब एक साल पूर्व डीन भी इसी तरह संदिग्ध हालत में मृत पाए गए थे, जिसका राज आज तक नहीं खुला है। कहा जा रहा है कि डॉ. शर्मा ने दो दिन पहले ही व्यापमं से जुड़े 200 दस्तावेज एसटीएफ को सौंपे थे। एक दिन के अंदर व्यापमं से जुड़ी दो मौतों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लगभग एक लाख रुपये के बिजली बिल पर विपक्षी दलों खासा हंगामा मचाया था। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई कैबिनेट मंत्रियों और कई अन्य खास नेताओं का बिजली बिल मुख्यमंत्री के बिजली बिल से कई गुना ज्यादा है।