भारत ने आज कुआंटन (मलेशिया) में चीन को 9-0 से करारी शिकस्त देकर चौथे एशियाई चैंपियन्स हाकी टूर्नामेंट के राउंड रोबिन लीग में शीर्ष पर रहने की अपनी उम्मीद बरकरार रखी।
कुआंटन (मलेशिया) में चल रही चौथी एशियाई चैम्पियन्स ट्राफी हाकी चैम्पियनशिप के लीग मैच में शीर्ष रैंकिंग वाले भारत ने आज यहां चिर प्रतिद्वंद्वी और गत चैम्पियन पाकिस्तान को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराया।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में भारत के दबदबे से सकते में आया पाकिस्तान अब इसकी काट तलाशने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत पाकिस्तान चीन सहित ईरान और आस-पास के पश्चिम एशियाई गणराज्यों को शामिल कर एक वृहद दक्षिण एशियाई आर्थिक संगठन के निर्माण की संभावना तलाश रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में आज इसका खुलासा किया गया।
गोलकीपर पीआर श्रीजेश मलेशिया के कुआंटन में 20 से 30 अक्तूबर तक होने वाली एशियाई चैम्पियंस ट्राफी में भारत की 18 सदस्यीय पुरूष हाकी टीम के कप्तान होंगे। हाकी इंडिया के चयनकर्ताओं ने 24 बरस के मिडफील्डर मनप्रीत सिंह को एसवी सुनील की जगह उपकप्तान बनाया है।
भारतीय पुरूष हाकी टीम के कप्तान पीआर श्रीजेश ने आज यहां कहा कि आगामी एशियाई चैंपियन्स ट्राफी में उनका अपना प्रतिद्वंद्वियों पर पलड़ा भारी है लेकिन टीम को खिताब जीतने के लिये लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
देश में क्रिकेट को सबसे लोकप्रिय खेल माना जाता है। लेकिन बैडमिंटन ने अब इस खेल को पीछे कर दिया है। रियो ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक के लिए हुए महिला सिंगल्स मैच में भारतीय शटलर पी.वी. सिंधु और स्पेन की कैरोलिना मारिन के बीच हुए मैच को विश्व कप क्रिकेट टी-20 सेमीफाइनल मैच से भी ज्यदा दर्शक मिले हैं।
साइना नेहवाल और पीवी सिंधू के लगातार ओलंपिक खेलों में पदक के दौरान इन दोनों खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करने वाले मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि वह भाग्यशाली थे कि पढ़ाई में अच्छे नहीं थे और आईआईटी परीक्षा पास नहीं कर पाने से उनके सफल खिलाड़ी बनने का रास्ता खुला।
पीवी सिंधु बैडमिंटन में महिलाओं की एकल स्पर्धा में रजत पदक जीतकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि देश को स्वर्ण पदक दिलाने के लिए उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया था।
कहा जाता है कि गुरु को मुक्ति तब मिलती है, जब शिष्य उससे बड़ा हो जाए। गोपीचंद ने इसे अपनी जिंदगी में अपनाया है। ओलंपिक के लिहाज से देखा जाए, तो आज उनके शिष्य बड़े मुकाम पर खड़े हैं। गोपी से भी ऊंचे मुकाम पर। फर्क बस यह है कि गोपी का कद भी उसके साथ बढ़ता जा रहा है। जीवन में जो सीखा, उसे संसार को वापस करना क्या होता है, इसे गोपी से समझा जा सकता है।
रियो ओलंंपिक में शुक्रवार का दिन भारत के लिए एक स्वर्णिम अवसर बनकर नहीं आया। देश की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु गोल्ड मेडल नहीं जीत पाई। वह स्पेन की विश्व नंबर वन कैरोलिना मारिन की चुनौती नहीं ध्वस्त कर पाईं। फाइनल में उन्हें मारिन ने तीन गेम तक चले मुकाबले में 21-19, 12-21, 15-21 से हरा कर भारत की उम्मीदों को तोड़ दिया। इस तरह पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीत देश को रजत सम्मान दिलाया।