भारतीय टीम आगामी हफ्ते में जब इंग्लैंड के खिलाफ शुरूआती टेस्ट के लिये यहां मैदान में उतरेगी तो इसमें अंपायरों की निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पहली बार ट्रायल आधार पर इस्तेमाल की जायेगी। बीसीसीआई हालांकि लंबे समय तक इस प्रणाली का विरोध करता रहा था।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढा समिति ने आज भारतीय क्रिकेट बोर्ड को कहा कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और बीसीसीआई के बीच प्रस्तावित समझौता पत्र आदेश का हिस्सा नहीं है और जब तक विस्तृत जानकारी नहीं मुहैया करायी जायेगी तब तक भुगतान पर कोई भी निर्देश जारी नहीं किये जा सकते।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई का सुप्रीम कोर्ट से अब बच पाना मुश्किल है। शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई को उसकी मान्य ईकाइयों यानी राज्य संघोंं में जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशें के अनुसार सुधार लागू करने को लेकर शुक्रवार को तगड़ा झटका दिया है। शीर्ष कोर्ट ने बीसीसीआई और स्टेट एसोसिएशन्स के बीच पैसे के लेन-देन पर रोक लगा दी है।
बीसीसीआई ने निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पर लंबे समय से चले आ रहे विरोध को खत्म करते हुए ट्रायल आधार पर इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने से शुरू होने वाली टेस्ट श्रृंखला के दौरान इसके इस्तेमाल पर आज सहमति जतायी।
सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों पर अपना फैसला सोमवार को सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही बीसीसीआई को फटकार लगाते हुए कहा कि बीसीसीआई बताए कि लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को वो कब तक लागू करेंगे। कोर्ट ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही अब ये तय करेगा कि क्या क्रिकेट के लिए बीसीसीआई प्रशासक नियुक्त किया जाए या बीसीसीआई को और वक्त दिया जाए कि वो लिखित में जिम्मेदारी व्यक्त करेंं कि वो लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को तय वक्त में लागू करेंंगे। इससे पहले बीसीसीआई प्रेसीडेंट अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनाम देते हुए पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर को भी इस मामले में लपेट लिया।
अध्यक्ष अनुराग ठाकुर का उच्चतम न्यायालय में दिया जाने वाला हलफनामा कल नई दिल्ली में बीसीसीआई की मान्यता प्राप्त इकाइयों की विशेष आम बैठक (एसजीएम) में चर्चा का केंद्र होगा जिसमें लोढा समिति के सुधारवादी कदमों को लागू किए जाने पर चर्चा होगी। एसजीएम में जिन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जा सकती है उसमें एक राज्य एक मत की सिफारिश और तीन साल के ब्रेक के साथ तीन साल के कार्यकाल का मुद्दा शामिल है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड क्रिकेट में सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपना अंतरिम आदेश सुनाया। इस मामले में अब आगे की सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। कोर्ट ने बीसीसीआई को राज्य संघों को फंड देने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि जब राज्य संघ हलफनामा देंगे, तब उन्हें बीसीसीआई फंड जारी कर सकता है।
देश में क्रिकेट के सुधार के लिए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के निर्देशों को लागू करने में बागी तेवर अपनाने और राज्य संगठनों को जल्दबाजी में करीब 400 करोड़ रूपये बांटने को लेकर भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को आज उच्चतम न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड की भारत और न्यूजीलैंड के बीच चल रही वर्तमान श्रृंखला बीच में रद्द करने की धमकी को देखते हुए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा पैनल ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि उन्होंने बैंकों को बोर्ड के खाते फ्रीज करने के निर्देश नहीं दिये और वह अपने नियमित खर्च कर सकता है।