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Search Result : "Balasaheb Thackeray s Shiv Sainik"

गुलाम अली के साथ खड़ा है बॉलीवुड

गुलाम अली के साथ खड़ा है बॉलीवुड

शिवसेना के विरोध के बाद मुंबई में पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम के कार्यक्रम को रद्द किए जाने के बाद कई फिल्मी हस्तियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इनमें जानी-मानी अभिनेत्री शबाना आजमी, संगीतकार विशाल डडलानी और शेखर रावजियानी हैं। सभी ने इस कदम की निंदा की है।
शिवसेना ने पढ़े मनमोहन के कसीदे

शिवसेना ने पढ़े मनमोहन के कसीदे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर मीडिया में चाहे जितना शोर हो मगर भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिवसेना ने इसे ज्यादा भाव नहीं दिया है। इसके बनिस्पत शिवसेना ने पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव और मनमोहन सिंह की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने लिखा है कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में नरसिंह राव और मनमोहन सिंह के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
संघ ने किया था आपातकाल का समर्थनः पूर्व आईबी प्रमुख

संघ ने किया था आपातकाल का समर्थनः पूर्व आईबी प्रमुख

देश में आपातकाल की घोषणा कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जितनी आलोचनाएं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके राजनीतिक दल की झेलीं, उतनी आलोचना शायद ही किसी और राजनीतिक दल ने की हो। लेकिन अब खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टीवी राजेश्वर की मानें तो संघ ने भी आपातकाल का समर्थन किया था और उस वक्त के संघ प्रमुख बालासाहेब देवरस ने इंदिरा गांधी से संपर्क साधने की भी कोशिश की थी।
ऐसे कितने दिन चलेगा भाजपा शिवसेना गठबंधन

ऐसे कितने दिन चलेगा भाजपा शिवसेना गठबंधन

शिवसेना ने साफ कर दिया है कि कोल्हापुर निकाय चुनाव वह अपने दम पर लड़ेगी और भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी। इस फैसले ने साफ कर दिया है कि राज्य की राजनीति में 25 वर्ष तक साथ चले दोनों दलों के दिल एक दूसरे से भर चुके हैं और सिर्फ सियासी मजबूरी ने ही उन्हें राज्य सरकार में एक साथ बना रखा है।
पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
शिवसेना: एक कागजी शेर के 50 साल!

शिवसेना: एक कागजी शेर के 50 साल!

1985 तक शिवसेना केवल मुंबई तक ही सीमित थी। महाराष्ट्र में इसके प्रसार का श्रेय छगन भुजबल को जाता है। शरद पवार 1986 में अपने कांग्रेस विरोधी समूह को सकते में छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। उस वजह से बने खाली स्थान को शिवसेना ने भरा। आज भी मुंबई की शिवसेना और बाकी महाराष्ट्र की शिवसेना में अंतर है।
क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना भले ही मिलकर सरकार चला रहे हों मगर अब यह साफ हो चुका है सहयोग का यह भाव सिर्फ सरकार चलाने तक ही सीमित है। हकीकत यह है कि दोनों पार्टियां एक दूसरे को पटकनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।
पदयात्रा को लेकर शिवसेना का राहुल गांधी पर निशाना

पदयात्रा को लेकर शिवसेना का राहुल गांधी पर निशाना

सूखे से प्रभावित विदर्भ जिले में राहुल गांधी की पदयात्रा को लेकर शिवसेना ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें किसानों के आंसू तब पोंछने चाहिए थे, जब कांग्रेस सत्ता में थी।
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