सन 2015 बीतने को है। इस साल कई फिल्मी सितारों के बच्चे ने अपने परिवार की अभिनय की विरासत को आगे बढ़ाते हुए बॉलीवुड में कदम रखा। इस लिहाज से यह साल नए अदाकारों का रहा।
दिलवाले सच में दिलवालों की फिल्म है। इतना झेलने के लिए बड़ा दिल चाहिए। काली बनाम राज (शाहरूख खान) और राज बनाम काली के बीच चलती इस फिल्म में मीरा (काजोल), वीर (वरुण धवन) और इशिता (श्रुति सेनन) हैं। गोवा में फिल्म शुरू होकर बुल्गारिया में फ्लैश बैक में पहुंच जाती है। फिर गोवा और हैप्पी एंडिंग।
सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी तरह की करयोग्य सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत सेस वसूलने का फैसला किया है। यह उपकर पहले से लागू 14 प्रतिशत सर्विस टैक्स के अतिरिक्त होगा। यानी अब कुल मिलाकर 14.5 फीसदी सर्विस टैक्स देना होगा। इससे चालू वित्त वर्ष के बचे महीनों में जनता की जेब पर 400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के ढोल की पोल गुजरात में खुल रही। अहमदाबाद में सीवर में मौत के बाद एफआईआर तक आसानी से नहीं होती है दर्ज, गौर कानून प्रथा चल रहे है खुलेआम, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप 10 लाख रुपये का मुआवजा भी परिजनों को नहीं नसीब
दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे को आए कितने साल बीत गए। पूरे 20 साल जी। शाहरूख-काजोल की यह जोड़ी आज तक वहीं पर खड़ी है। जब भी दोनों की बात होती है इस फिल्म की चर्चा जरूरी होती है।
अपने सहकलाकारों के प्रति शाहरूख का प्रेम कम ही देखने को मिलता है। लेकिन आजकल वह अपने जूनियरों की खूब तारीफ कर रहे हैं। हाल ही में सोनू सूद की तारीफ के बाद इस बार वरुण धवन का नंबर आया है। शारूख आजकल दूसरों की तारीफ में इतने व्यस्त हैं कि सभी को लग रहा है उन्हें अचानक क्या हुआ है।
दो अक्टूबर आने वाला है और एक बार फिर स्वच्छता अभियान जोर पकड़ रहा है। अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियां सफाई के महत्व को समझाने के लिए फिर मैदान में हैं। जनता के बीच स्वच्छता की महत्ता समझाने के लिए काम कर रही अभिनेत्री काजोल का कहना है कि समाज में स्वच्छता के मानकों को बनाए रखने का संदेश देने के लिए सरकार का समर्थन जरूरी है।
भाजपा सफाई कर्मचारियों के लिए फिर दांव चलने की तैयारी में। जबकि सैंकड़ों सफाई कर्मचारी सीवर-सेप्टिक टैंक में मर रहे हैं और केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर पूरी तरह खामोश हैं।