वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा पेश वार्षिक बजट को भविष्योन्मुखी बताते हुए उद्योग संगठनों का कहना है कि यह पिछले तीन सालों में किए गए आर्थिक सुधारों पर आधारित बजट है।
स्वराज इंडिया ने दावा किया कि देश में नोटबंदी से प्रभावित किसानों को कोई राहत नहीं देने सहित केन्द्रीय बजट में महत्वपूर्ण कृषि मुद्दों पर घोषणाओं के अभाव के चलते सरकार की उदासीनता और हेकड़ी भलकती है।
केंद्रीय बजट में विदेश मंत्रालय को 14,798 करोड़ रूपया दिया गया जो पिछले साल की तुलना में महज 135 करोड़ रूपये का इजाफा है। वहीं, अफगानिस्तान में परियोजनाओं के लिए भारी कटौती करते हुए बजटीय आवंटन 520 करोड़ रूपया से घटाकर 350 करोड़ रूपया कर दिया गया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इस बजट में कोई स्पष्ट दृष्टि नहीं है और किसानों, युवाओं एवं नौकरियां पैदा करने के बारे में कुछ नहीं है।
केंद्रीय बजट में कृषि एवं किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करने का उल्लेख करते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस बार के बजट से यह बात एक बार फिर स्पष्ट हो गयी कि मोदी सरकार गांव, गरीब और किसानों के लिए काम कर रही है और कृषि विकास दर बढ़कर 4.1 प्रतिशत होने का अनुमान और पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राजनीतिक दलों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटा कर 2,000 तक सीमित करने के बाद सरकार ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने उन्हें मिली कर छूट खत्म हो जाएगी।
पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। यहां आदर्श चुनाव आचार संहित लागू हो चुकी है। जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें यूपी, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा शामिल हैं। इन सभी पांच राज्यों के चुनाव में सबसे ज्यादा अहमियत यूपी के विधानसभा चुनाव को दी जा रही है, जहां सात चरणों में चुनाव होने वाले हैं और इसकी शुरुआत 11 फरवरी से होने वाली है। जहां एक तरफ देश चुनावी माहौल में डूबा हुआ है वहीं एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा और इसे लेकर कई तरह से सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
मोदी सरकार का आम बजट अब 1 फरवरी को ही आएगा। चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को बजट पेश करने की मंजूरी दे दी, लेकिन इसके साथ ही उसने शर्त रखी है कि इसमें पांच चुनावी राज्यों से जुड़ी किसी योजना का ऐलान नहीं किया जा सकता और न ही इन राज्यों में सरकार की उप्लब्धियों का बखान होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी :सपा: अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र को मुकम्मल तौर पर लागू करके साबित किया है कि समाजवादियों की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है और आगामी केन्द्रीय बजट में भाजपा सपा सरकार की नकल करेगी।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने आज कहा कि मुसलमानों में पिछड़े वर्ग को 12 प्रतिशत आरक्षण देने के लक्ष्य से प्रदेश सरकार विधानसभा के बजट सत्र में विधेयक लाएगी।