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चिर युवा कृष्णा सोबती

चिर युवा कृष्णा सोबती

कृष्णा सोबती सबसे उम्र दराज ज्ञानपीठ विजेता हैं। 92 साल की उम्र में भी वह लेखन को लेकर उतनी ही सजग और...
गोरखपुर त्रासदी के बीच योगी आदित्यनाथ ने दिए 'भव्य' स्तर पर जन्माष्टमी मनाने के निर्देश

गोरखपुर त्रासदी के बीच योगी आदित्यनाथ ने दिए 'भव्य' स्तर पर जन्माष्टमी मनाने के निर्देश

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर अस्पताल में एक ओर जहां 79 माताएं अपने 'कान्हा' को खो चुकी हैं। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में 'भव्य' स्तर पर कृष्‍ण्‍ा जन्माष्टमी मनाने के निर्देश दिए हैं।
जन्माष्टमी पर 'नटखट नंदलाला' बने नवाजुद्दीन सिद्दीकी के बेटे, शेयर की फोटो

जन्माष्टमी पर 'नटखट नंदलाला' बने नवाजुद्दीन सिद्दीकी के बेटे, शेयर की फोटो

अपने परिवार को हमेशा मीडिया और लाइमलाइट से दूर रखने वाले बॉलीवुड के स्टार एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने सोशल मीडिया पर अपने बेटे की एक बहुत ही बेहतरीन फोटो साझा की है।
रंग लाई विपक्ष की एकजुटता, बीजेडी ने दिया गोपाल कृष्ण गांधी को समर्थन

रंग लाई विपक्ष की एकजुटता, बीजेडी ने दिया गोपाल कृष्ण गांधी को समर्थन

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के समर्थन को लेकर असमंजस में रहने वाली बीजेडी ने आखिरकार अपना पत्ता खोल दिया है। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का समर्थन करने वाले बीजेडी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को समर्थन देने का फैसला किया है।
गांधी के विरोधियों को कांग्रेस का जवाब, ‘अब्दुल कलाम भी चाहते थे किसी को न हो फांसी’

गांधी के विरोधियों को कांग्रेस का जवाब, ‘अब्दुल कलाम भी चाहते थे किसी को न हो फांसी’

शिवसेना द्वारा गोपाल कृष्ण गांधी पर दिए विवादित बयान के बाद कांग्रेस ने इसका जवाब दिया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि गांधी ने याकूब मेनन की फांसी का विरोध किया था। इस बयान के बाद सियासी हलकों में खलबली मच गई थी।
प्रशासनिक और कूटनीतिक पदों पर अनुभव के धनी हैं गोपाल कृष्ण गांधी

प्रशासनिक और कूटनीतिक पदों पर अनुभव के धनी हैं गोपाल कृष्ण गांधी

उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार 71 वर्षीय गोपाल कृष्ण गांधी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं तथा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के साथ बंगाल के पूर्व गवर्नर भी रह चुके हैं। प्रशासनिक व कूटनीतिक पदों पर लंबे अनुभव के धनी होने के साथ लेखन और बौद्धिक जगत में अपनी खास पहचान रखते हैं। समझा जाता है कि पारिवारिक जड़ें गुजरात की होने के कारण विपक्ष ने उन्हें चुना है ताकि पीएम मोदी भी आसानी से उनका विरोध न कर पाएं।
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