मध्यप्रदेश-राजस्थान बॉर्डर पर राहुल गांधी ने मंदसौर गोलीकांड में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात की। जैसे ही राहुल गांधी वहां पहुंचे किसानों के परिजन उनके गले मिलकर रोने लगे। इसके बाद राहुल भी काफी भावुक नजर आए।
भारतीय सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि भारत बाहरी खतरों के साथ-साथ आंतरिक खतरों से भी एकसाथ निपटने को तैयार है। आने वाले समय में यह बात साबित भी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत ढाई मोर्चे (चीन, पाकिस्तान और आंतरिक सुरक्षा) पर युद्ध लड़ने के लिए सक्षम है।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में पिछले आठ दिनों से किसान सड़कों पर है। अपनी मेहनत की उपज सड़कों पर फेंक रहा है। पुलिस की गोलियां खा रहा है। लेकिन देश के कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह योग में व्यस्त हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप्पी साधे हुए हैं।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों में, भाजपा सरकारों ने विरोध करने वाले किसानों से निपटने के लिए समान रणनीतियां इस्तेमाल की। उनकी सोच थी की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संबद्ध संगठनों के साथ एक समझौता करके आंदोलन में फूट दाल दें।
जनता दल (यू) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद शरद यादव ने शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि मंगलवार को मंदसौर में नरसंहार किया गया है। इस नरसंहार में किसानों की काफी जानें गई हैं, लेकिन सरकार छिपा रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर अपनी चिंता जाहिर की है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का विकास धीमा पड़ने की वजह नोटबंदी है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था केवल सार्वजनिक व्यय के इंजन पर चल रही है। लाखों नौकरियां खत्म हो रही है और निजी क्षेत्र का निवेश ध्वस्त हो गया है।
किसान आंदोलन के दौरान फायरिंग में हुई किसानों की मौत का ठीकरा सीएम शिवराज ने कांग्रेस पर फोड़ा है। शिवराज सिंह ने कहा कि यह कांग्रेस का सुनियोजित प्रयास था।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में 6 किसानों की मौत के बाद राजनीति गर्म हो गई है। पुलिस फायरिंग में हुई किसानों की मौत को के विरोध में बुधवार को मध्य प्रदेश बंद रखा गया है। कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार को घेरते हुए राज्य भर में बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज पीड़ित परिवारों से मिलने मंदसौर जाने वाले थे। लेकिन प्रशासन ने इजाजत देने से इनकार कर दिया।
मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों की हड़ताल ने छठवें दिन हिंसक रूप ले लिया है। किसानों पर पुलिस की फायरिंग ने कई किसानों को मौत के घाट उतार दिया है। किसान संगठन का आरोप है कि मंदसौर में फिलहाल इमरजेंसी जैसे हालात हैं।