नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया। जिसमें 25 जवान शहीद हो गए। सीआरपीएफ के 74 वीं बटालियन के करीब 90 जवान सोमवार सुबह बुरकापाल में निर्माणाधीन सड़क की सुरक्षा के लिए गए थे। बुरकापाल में सड़क का काम लंबे अरसे से बंद था, लेकिन सीआरपीएफ की सिक्युरिटी में इसका काम फिर शुरू हुआ। सड़क बनाने का काम प्राइवेट ठेकेदार कर रहे है। ठेकेदार नक्सली हिंसा के भय के चलते जवानों की सुरक्षा में ही काम करते हैं।
इस बात में कोई संदेह नहीं कि सड़कें बहुत धीमी गति से नक्सलगढ़ की छाती पर सवार हो रही हैं और परिवेश बदल रहा है। भय का वातावरण सडकों के आसपास से कम होने लगा है।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने एक बाद फिर 26 सीआरपीएफ जवानों की हत्या कर दी है। पिछले पंद्रह सालों से भाजपा शासित इस राज्य में सैंकड़ों हमले हुए हैं। मुख्यमंत्री रमन सिंह हमेशा नक्सल समस्या को खतम कर लेने का दावा करते हैं लेकिन हर बार यहां जवानों को जान गंवानी पड़ती हैं।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में आज नक्सली हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 11 जवान शहीद हो गए जबकि पांच अन्य जवान घायल हो गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि की है।
देश में नक्सली अभी भी सबसे खतरनाक बने हुए हैं। अरातकतावादी माओवादी संगठनों ने पिछले साल आईईडी और दूसरे घातक हथियारों के उपयोग से सबसे ज्यादा सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों की जान ली। नक्सलियों ने साल 2016 में सबसे ज्यादा आईईडी धमाके किए।
छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा कथित ज्यादतियां किए जाने को लेकर वहां की भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मांग सोमवार को राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने की जिसके बाद सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का बहुत जल्द सफाया हो जाएगा क्योंकि उनके नेतृत्व में सरकार राज्य में नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क, रेल तथा अन्य प्रकार के संपर्क बनाने में पूरी ताकत से जुड़ी है। उन्होंने दावा कि उनकी सरकार ने बस्तर के दुर्गम से दुर्गम इलाकों में जनवितरण प्रणाली के तहत एक रुपये किलो के दर से चावल और मुफ्त में नमक की आपूर्ति सुनिश्चित कर दी है जिससे नक्सल प्रभावित इलाके के लोगों में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को आउटलुक हिंदी पत्रिका की तरफ से लाल गलियारे में विकास विषय पर संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भाग ले रहे अतिथियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों को शिक्षा और विकास देकर ही इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।