राष्ट्रपति चुनाव में दलित समाज से जुड़े बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को आगे कर भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कोविंद की उम्मीदवारी के मुद्देे पर विपक्ष भी उलझन में पड़ा सकता है। यहां तक कि बसपा प्रमुख मायावती भी सीधे तौर पर उनका विरोध नहीं कर पा रही हैं।
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के गांव पिपलिया व्यास में रविवार को 60 वर्षीय किसान प्यारेलाल ओड ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। अब यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है। आज कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता प्यारेलाल के परिजनों से मिलने पहुंचे। इधर जिला प्रशासन ने तत्काल न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए।
हरियाणा पुलिस ने 15 दलित एक्टिविस्टों पर ‘राजद्रोह’ का केस दर्ज किया है। इसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले दो छात्र भी शामिल हैं। इन पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
फिल्म से राजनीति तक का सफर बखूबी तय करना यह सबके बस की बात नहीं, लेकिन थिएटर, बॉलीवुड और टीवी एक्ट्रेस किरण खेर ने यह सफर काफी शानदार तरीके से तय किया। किरण आज अपान 62वां जन्मदिन मना रही हैं। किरण वर्तमान में चण्डीगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं।
देश में आए दिन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और गैंगरेप की घटनाएं सुनने और पढ़ने को मिलती है। एक ऐसी ही घटना कर्नाटक की है, जहां गैंगरेप का शिकार हुई एक दलित छात्रा ने इंसाफ की गुहार लगाई है। इस संबंध में पीड़िता ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत के बाद से जारी हिंसक विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब हिंसक प्रदर्शन मालवा क्षेत्र के अन्य जिलों में भी फैलने लगा है। अब शाजापुर-सीहोर में आंदोलनकारी उग्र हो गए जिसके चलते पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। वहीं रायसेन तहसील के देगांव थाना क्षेत्र में किसान ने सल्फास की गोली खाकर की आत्महत्या कर ली।
आज दलित समुदाय हर दृष्टि से चौराहे पर खड़ा है। कई दशक बाद दलित राजनीति लगभग हाशिए पर पंहुच गई है। दलित जन प्रतिनिधियों से दलित समुदाय एकदम निराश है। वे समुदाय पर होने वाले अत्याचार के मसलों पर कुछ नहीं बोलते हैं। अब दलित समाज में उन्हें खुले मंचों से पूना पैक्ट की खरपतवार कहना शुरू कर दिया है।
कर्नाटक में एक और ऑनर किलिंग का बहुत ही दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां एक मुस्लिम लड़की को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि उसने एक दलित से शादी की थी। पीड़िता गर्भवती थी। शादी से नाराज परिजनों ने पहले पीड़िता मारा और फिर जिंदा जला दिया।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार अब मायावती की बहुजन समाज पार्टी को मूर्तियों के मंच पर टक्कर देगी। हाल के विधानसभा चुनावों में मायावती के पाले से बसपा के कई नेताओं और गैर-जाटव वोट बैंक को तोड़कर भाजपा ने अपने लिए एक नया जनाधार कायम किया था। लेकिन अब शायद उसे लगता है कि दलित गौरव के नाम पर बने आंबेडकर पार्कों और स्मारकों की भी सोशल इंजीनियरिंग जरूरी है। सो, अब योगी सरकार इन पार्कों में अति पिछड़े समाज और ऊंची जाति के महानायकों की भी मूर्तियां लगाएगी।