वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के अंत तक जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का 92,376 करोड़ रुपये का बकाया था।
संसद ने मंगलवार को उस विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें रिण के चुकता नहीं होने की स्थिति में बैंकों को गिरवी जब्त करने का अधिकार दिया गया है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि डूबते रिण की वसूली में निष्पक्षता के साथ साथ कठोरता होनी चाहिए।
विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत जेपी समूह की कंपनियों पर वित्तीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। समूह ने करीब 4,460 करोड़ रुपये के रिण और अन्य भुगतान में चूक या डिफॉल्ट किया है। एकीकृत आधार पर समूह बैंकों को 2,905.6 करोड़ रुपये की मूल राशि तथा अन्य 1558.93 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा है।