यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा उत्तर कोरिया पर उसकी पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों के एक दिन बाद हुई है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार 71 वर्षीय गोपाल कृष्ण गांधी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं तथा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के साथ बंगाल के पूर्व गवर्नर भी रह चुके हैं। प्रशासनिक व कूटनीतिक पदों पर लंबे अनुभव के धनी होने के साथ लेखन और बौद्धिक जगत में अपनी खास पहचान रखते हैं। समझा जाता है कि पारिवारिक जड़ें गुजरात की होने के कारण विपक्ष ने उन्हें चुना है ताकि पीएम मोदी भी आसानी से उनका विरोध न कर पाएं।
पीएम नरेंद्र मोदी 25 जून को अमेरिका पहुंचेंगे, अगले ही दिन यानी 26 को उनकी और अमेरीकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात होगी। गौरतलब है कि दोनों के बीच यह पहली औपचारिक मुलाकात होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
बॉलीवुड के किंग ऑफ रोमांस के नाम से मशहूर शाहरुख खान कनाडा के वैंकुवर में आयोजित टेड टॉक शो 2017 को संबोधित करने वाले पहले भारतीय अभिनेता बन गए हैं। शाहरुख ने इस कार्यक्रम में मानवीय मूल्यों, फिल्म, रोमांस इंटरनेट समेत कई मुद्दों पर अपनी राय रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गांधीनगर में कई देशों के प्रमुखों और मंत्रियों से मुलाकात की और द्विपक्षीय बातचीत की। ये नेता वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेने यहां पहुंचे हैं।
गोवा में 15 अक्तूबर से शुरू हो रहेे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और बिम्सटेक सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 राष्ट्राध्यक्षों के साथ दोतरफा संबंधों को लेकर बातचीत करेंगे। तीन दिनों तक चलने वाले सम्मेलन में भाग लेने के लिए आ रहे रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के साथ भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता भी मोदी शामिल होंगे।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में भारत के दबदबे से सकते में आया पाकिस्तान अब इसकी काट तलाशने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत पाकिस्तान चीन सहित ईरान और आस-पास के पश्चिम एशियाई गणराज्यों को शामिल कर एक वृहद दक्षिण एशियाई आर्थिक संगठन के निर्माण की संभावना तलाश रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में आज इसका खुलासा किया गया।
पेरिस में अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ बैठक के बाद फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि इस्राइल के साथ शांति वार्ता की कोई भी शुरआत एक निश्चित समय सीमा के साथ और अंतरराष्ट्रीय देखरेख के अंतर्गत होनी चाहिए।
अमेरिका में हाल की दो बड़ी कूटनीतिक नाकामियों के बाद पाकिस्तान एक लॉबिस्ट की तलाश कर रहा है जो वाशिंगटन में इस्लामाबाद के हितों की पुरजोर ढंग से पैरवी करे।