असहमति और अभिव्यक्ति पर हो रहे हमलों के दौर में अकादमिक जगत पर मंडरा रहे खतरों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अंतररार्ष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने की खुलकर बात
प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों और मुश्किलों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अभी आगे बढ़ने में कामयाब है। यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही। भारतीय उद्योगपतियों की दुबई आयोजित एक सभा में जेटली ने कहा कि पहले आर्थिक संकट 10-15 साल में एक बार असर दिखाते थे, लेकिन अब ये जल्दी जल्दी आने लगे हैं।
केंद्र सरकार सरकार ने दिवाली के ठीक एक दिन पहले आर्थिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा एलान किया है। मंगलवार को सरकार ने 15 क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अपने वार्षिक आर्थिक आउटलुक अपडेट में चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाओं की समीक्षा की है। वैश्विक संस्था ने एक ओर जहां चीन की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा है कि इसका पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र पर असर पड़ेगा वहीं भारत के बारे में कहा है कि और तेज विकास के लिए उसे कड़े आर्थिक सुधारों के दूसरे चरण की शुरुआत करनी होगी।
अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।
चीन में एक महिला अपने पति की नौकरी बचाने की खातिर आठ माह का गर्भ गिराने की गैरकानूनी पहल पर विचार कर रही है। दरअसल आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे चीन में छंटनी का दौर चल रहा है और वहां शहरी क्षेत्र में सिर्फ एक बच्चे को ही जन्म देने का कानून है।
वैश्विक नरमी के बीच अर्थव्यवस्था कैसे प्रोत्साहित हो इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जाने-माने उद्योगपतियों, बैकरों, अर्थशास्त्रियों और मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक का विषय था, हाल का वैश्विक घटनाक्रम-भारत के लिए अवसर। वैश्विक स्तर मंदी को लेकर चल रहे उठा-पटक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चितिंत कर दिया है। इसी चिंता का परिणाम है वह लगातार उद्योग संगठनों और उद्योगपतियों से मिल रहे हैं। इससे पहले 30 जून को भी प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों और उद्योग संगठनों से चर्चा की थी।
नीतीश कुमार ने दावा किया कि यह लोगों के लिए मेरी प्रतिबद्धता है और मैं जानता हूं कि उनका यह विश्वास मुझ पर है कि जो मैं कहता हूं, वह करता हूं। नीतीश कुमार की सात सूत्री विकास योजना में युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, युवा उद्यमियों और पेयजल, बिजली एवं शौचालय जैसी आधारभूत संरचना से जुड़ी जरूरतों पर विशेष जोर है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढ़िया ने विश्वास जताया है कि विकास आधारित नीतियों पर आगे बढ़ते रहने से भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 15 साल या उससे भी कम समय में 8,000 अरब अमेरिकी डालर तक पहुंच सकती है और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है।