रिजर्व बैंक ने मुद्रस्फीति का जोखिम बढ़ने का खतरा देखते हुए लगातार दूसरी बार द्वैमासिक समीक्षा में अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 प्रतिशत पर यथावत रखा।
नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: वृद्धि अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में करीब 6 प्रतिशत रह सकती है जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में यह और धीमी पड़कर 5.7 प्रतिशत रह सकती है। नोमुरा की रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है।
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने हिंदुओं से आह्वान किया कि वे दस बच्चे पैदा करें और अपने समुदाय की संख्या को बढ़ाएं। नागपुर में आरएसएस के समर्थन से संपन्न तीन दिवसीय धर्म संस्कृति महाकुंभ में संत समाज ने एक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनाने और गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने का भी आह्वान किया। इस दौरान मंच पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी उपस्थित थे।
चीन नीति को लेकर ओबामा प्रशासन के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से असहमत होने के संकेत मिल रहे हैं। ओबामा प्रशासन ने कहा है कि वह लंबे समय से जारी एक चीन नीति पर अपना समर्थन दोहराने के लिए चीनी अधिकारियों के संपर्क में है।
मौद्रिक नीति पर विचार के लिए छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक कल शुरू होगी। नोटबंदी के प्रभाव को कम करने के लिए नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की व्यापक उम्मीद के बीच यह बैठक हो रही है।
बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय को गरीबोन्मुखी और कालाधन के खिलाफ जंग करार देते हुए वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस निर्णय से देश में आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ेगा और आने वाले समय में जीडीपी वृद्धि दर 2 प्रतिशत बढ़कर 10 प्रतिशत के स्तर तक पहुंचेगी।
देश में मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के करीब 15 दिनों के बाद अब अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एजेंसियां सुर बदलते हुए विकास दर घटने का अनुमान लगाने लगी है। हालांकि मोदी सरकार इस बात पर अब भी रजामंद नहीं हो रही है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को किसी तरह का नुकसान होगा। लेकिन इससे उलट अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां मोदी सरकार के इस सकारात्मक पक्ष को नहीं मान रही हैंं।
नोटबंदी से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी और इससे निकट भविष्य में वृद्धि कमजोर पड़ेगी। हालांकि, दीर्घावधि में इससे कर राजस्व बढ़ेगा और यह तेजी से राजकोषीय मजबूती में तब्दील होगा। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
आंध्रप्रदेश सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को नकदीरहित लेनदेन करने में सक्षम बनाने के लिए सभी को मुफ्त में मोबाइल फोन देगी। वर्तमान नकदी संकट को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।