पाकिस्तानी अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने गुरुवार को लगातार तीसरे दिन मुंबई की अदालत के समक्ष कई सनसनीखेज खुलासे किए। पहले तो उसने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में किसी महिला की संलिप्तता से इनकार किया लेकिन बाद में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम के सवाल पर बताया कि इशरत जहां लश्कर की आत्मघाती हमलावर थी।
देश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता के विरोध में पिछले दिनों अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर जल्द ही उनसे मुलाकात करेंगे।
पिछले कुछ दिनों से पुरस्कार लौटा रहे लेखकों की सूची में नया नाम शायर मुनव्वर राणा का जुड़ गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा, विरोध दर्ज कराने का इससे मजबूत और कोई जरिया नहीं है।
खुलना से ढाका की ओर मैंने जब रवानगी डाली तो दिन के दो बज रहे थे। खुलना से ढाका की दूरी मात्र 132 किलोमीटर है। लेकिन यह 132 किलोमीटर का सफर तय करने में मुझे पूरे नौ घंटे लगे। बीच में गंगा नदी को भी पार करना होता है, जो यहां आकर पद्मा बन जाती है। इस नदी पर कोई पुल नहीं है। बस, ट्रक, रिक्शे, सभी एक बड़े शिप पर सवार होते हैं और फिर उस पार पहुंचा दिए जाते हैं।
एक गिरजाघर है जो मंदिर सा दिखता है... और मस्जिद सा भी। एक त्यौहार है जो मुगलों के दौर से चला आ रहा है... जी हां , महरौली का हर पत्थर कुछ बोलता है और हिंदुस्तान की नायाब गंगा-जमुनी तहजीब के तराने सुनाता है।
हिंदी के मशहूर यारबाश कवि वीरेन डंगवाल हमारे बीच नहीं रहे। आउटलुक ने अगस्त, 2013 में दिल्ली में उनसे लंबी बातचीत का समां बांधा था। इसमें पुरानी मिठास की चाशनी के साथ सिरों को जोड़ने का जिम्मा उठाया था उनके पुराने दिनों के साथी, वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल ने। आज हम सब जब वीरेन डंगवाल के जाने से बेहद दुखी है, उन्हें शिद्दत से याद करने का सिलसिला जारी है। हम उनसे हुई इस महत्वपूर्ण बातचीत फिर से साझा कर रहे हैं। कैंसर से जूझ रहे इस जिंदादिल कवि ने कितने गहरे सरोकारों की पोटली, जीवन दर्शन, 70 के दशक की बेचैनी, युवा पीढ़ी की सृजनशीलता...और भी बहुत कुछ जो जरूरी और बिसरा हुआ है, सबको पूरे अपनी संवेदना के साथ रखा था। इस संवाद से फिर-फिर गुजरकर, हाथ कुछ मोती ही लगेंगे---भाषा
अपनी कर्मभूमि बरेली में आज सुबह अंतिम सांसे ली, हिंदी के हस्ताक्षर कवि वीरेन डंगवाल ने। पिछले कुछ सालों से वह मुंह के कैंसर से बहादुराना लड़ाई लड़ रहे थे।
हजरत अमीर खुसरो की लिखी रुदार ए शिरीन एक ऐसी स्त्री की जीवन गाथा है जिसमें वह अपनी पहचान और अस्तित्व ढूंढने की कोशिश करती है। इसे संगीतमय रूप में दिल्ली घराने की महिला कलाकारों ने प्रस्तुत किया है। रुदार ए शिरीन यानी शिरीन की कहानी की मंच पर संगीतमय प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
भारतीय जनता पार्टी बिहार में चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। पूर्व सांसद साबिर अली के बाद अब चारा घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री आरके राणा के पुत्र अमित राणा को भी पार्टी में शामिल कर लिया है। इसको लेकर भाजपा के ही लोग दबे स्वरों में सवाल उठाते हैं। एक भाजपा नेता के मुताबिक एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में जंगलराज को लेकर निशाना साध रहे हैं तो दूसरी ओर दागियों को ही भाजपा की सदस्यता दिलाने में पार्टी पीछे नहीं हट रही है।