खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने यमन के अदन शहर में आज हुए एक कार बम हमले की जिम्मेदारी का दावा किया है जिसमें अदन के गवर्नर की मौत हो गई। यह विस्फोट शहर के एक रिहाइशी इलाके में हुआ। इस हमले में गवर्नर जफर साद के अलावा उनके साथ रहे कई सुरक्षकर्मियों की भी मौत हो गई।
वामपंथियों और कुर्दिश समूहों के समर्थकों द्वारा आयोजित एक शांति रैली के लिए एकत्र हुए लोगों को निशाना बनाकर आज तुर्की की राजधानी अंकारा में दो विस्फोट किए गए जिनमें कम से कम 86 लोगों की मौत हो गई।
केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में आज इन आरोपों को खारिज किया कि बर्खास्त विशेष लोक अभियोजक रोहिणी सालियान को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपियों पर नरम रुख अपनाने को कहा गया था। गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा, मुख्य आरोप यह है कि अभियोजक से नरम रुख अपनाने को कहा गया था। मैंने खुद दस्तावेजों को देखा है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
थाईलैंड की राजधानी सेंट्रल बैंकाक में बम धमाके से 27 लोगों की मौत हो गई जबकि 117 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। धमाके के बाद पूरे थाइलैंड में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। यह धमाका एक धार्मिक स्थल के पास हुआ। थाइलैंड के पुलिस प्रमुख ने बताया कि यह बम धमाका था। जांच के बाद ही अन्य तथ्यों का खुलासा हो सकेगा।
याकूब की फांसी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आधी रात के बाद हुई ऐतिहासिक सुनवाई खत्म। गुरूवार की सुबह याकूब की फांसी को कुछ दिनों के लिए रुकवाने की कुछ वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की याचिका खारिज हो गई। अब इसके बाद कुछ ही घंटों में याकूब को फांसी लगना तय है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार की देर रात याकूब मेमन की दया याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रपति भवन से याचिका खारिज होने के बाद फांसी की सजा से बचने के सारे दरवाजे उसके लिए बंद हो चुके हैं। याकूब को गुरुवार की सुबह नागपुर में फांसी लगना अब लगभग तय है। हालांकि उसके वकीलों समेत देश के कई जाने माने वकीलों ने बुधवार की देर रात एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उधर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद नागपुर में याकूब की मृत्यु वारंट पर अमल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। आखिरी कोशिश के तहत प्रशांत भूषण समेत कई वकीलों ने चीफ जस्टिस से मिलने का समय मांगा।
1993 बम धमाकों में मिली फांसी की सजा पर रोक के लिए दायर याकूब मेमन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय जजों की एक पीठ ने सुनवाई की। दोनें पक्षों को सुनने के बाद पीठ के दोनों सदस्य जज किसी एक फैसले पर एकमत नहीं हो पाए। इस वजह से पीठ के दोनों जजों ने अलग अलग निर्णय सुनाया और मामले को मुख्य न्यायाधीश को सुनवाई के लिए हस्तांतरित किया। मुख्य न्यायाधीश ने मामले को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, प्रफुल्ल सी. पंत और अमिताव रॉय की पीठ को भेजा है जो 29 जुलाई को इसपर सुनवाई करेंगे।
इब्राहिम 'टाइगर' मेमन के भाई याकूब मेमन को इस महीने के अंत में फांसी दी जानी है। उसे जज पी.डी. कोडे ने सजा सुनाई है जिन्हें मैं दो दशक से जानता हूं। उनके आतंक निरोधी न्यायालय की खबरें एक संवाददाता के तौर पर मैं कवर किया करता था।