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Search Result : "Health Emergency"

तो नेत्रहीन भी देख सकेंगे दुनिया

तो नेत्रहीन भी देख सकेंगे दुनिया

बायोनिक आंखों के नए संस्करणों से हम भविष्य में ऐसे लोगों की आंखों की रोशनी लौटाने में भी सक्षम हो सकते हैं जो पूरी तरह नेत्रहीन हो चुके हैं।
सुंदरता और सेहत, एक सिक्के के दो पहलू

सुंदरता और सेहत, एक सिक्के के दो पहलू

सुंदरता और सेहत एक सिक्के के दो पहलू हैं। ऐसा कहना है सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन का। वह बताती हैं कि अच्छी सेहत चेहरे पर रंगत लाती है और अच्छी सेहत की पूंजी है योग।
तुर्की के विमान में बम की धमकी से दिल्ली में अफरा-तफरी

तुर्की के विमान में बम की धमकी से दिल्ली में अफरा-तफरी

बम की धमकी के बाद मंगलवार को बैंकॉक से इस्तांबुल जा रहे तुर्की एयरलाइंस के विमान की दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतररराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग कराई गई। सूत्रों ने बताया कि एयरबस 330 विमान दोपहर में करीब 1.41 बजे सुरक्षित उतरा।
प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो प्राकृतिक माहौल में सैर करने से अवसाद से दूर रहा जा सकता है। जो लोग अवसाद में रहते हैं और शहरी इलाकों या बहुत भीड़ वाली जगह पर रहते हैं या ऐसी ही जगहों पर सैर करते हैं उन्हें सलाह है कि प्रकृति के थोड़ा करीब जाएं।
समाजवादी चिंतक व कवि कमलेश का निधन

समाजवादी चिंतक व कवि कमलेश का निधन

प्रख्‍यात समाजवादी चिंतक, संपादक और कवि कमलेश का शनिवार सुबह दिल्‍ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्‍ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।
इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्‍या के लिए अक्‍सर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।
लोकतंत्र को कुचलने वाली ताकतें मजबूत हुईं: आडवाणी

लोकतंत्र को कुचलने वाली ताकतें मजबूत हुईं: आडवाणी

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने यह कहकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है कि देश में लोकतंत्र को कुचलने में सक्षम ताकतें मजबूत हुई हैं और दोबारा इमर्जेंसी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
इमर्जेंसी पर आडवाणी की टिप्पणी को नीतीश का समर्थन

इमर्जेंसी पर आडवाणी की टिप्पणी को नीतीश का समर्थन

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की आपातकाल संबंधी टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार एेसी स्थिति का हर दिन सामना कर रहा है।
इलाज के लिए न डाॅक्टर हैं और न दवा

इलाज के लिए न डाॅक्टर हैं और न दवा

पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिले गाजीपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का इतना बुरा हाल है कि यहां के अस्पतालों को ही इलाज की जरुरत महसूस होने लगी है। डाॅक्टर और दवा दोनों ही जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की समस्या है।
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