आज दलित समुदाय हर दृष्टि से चौराहे पर खड़ा है। कई दशक बाद दलित राजनीति लगभग हाशिए पर पंहुच गई है। दलित जन प्रतिनिधियों से दलित समुदाय एकदम निराश है। वे समुदाय पर होने वाले अत्याचार के मसलों पर कुछ नहीं बोलते हैं। अब दलित समाज में उन्हें खुले मंचों से पूना पैक्ट की खरपतवार कहना शुरू कर दिया है।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि भाजपा जिस तरह के परिवर्तन की बात कर रही है वह देश के लिए महंगा साबित होने वाला है। उन्होंने भाजपा के साथ बढ़ रही अपनी दूरी को उजागर किया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ने कहा कि अभी तक उनकी पार्टी भाजपा के मतों में बंटवारा नहीं करना चाहती थी और महाराष्ट्र तक ही सीमित रही। लेकिन अब शिवसेना महाराष्ट्र से बाहर भी निकलेगी। वह बिहार में चुनाव लड़ चुकी है। उत्तर प्रदेश और गोवा में भी चुनाव लड़ रही है। अगले लोकसभा चुनाव में शिवसेना देशभर में भाजपा को चुनौती देगी।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि वह इस समय हिन्दुत्व या इसके तात्पर्य से जुड़े मसले पर गौर नहीं करेगा। न्यायालय ने यह भी कहा कि वह इस मसले पर 1995 के शीर्ष अदालत के निर्णय पर न तो पुनर्विचार करेगा और न ही हिन्दुत्व या धर्म के पहलू पर गौर करेगा।
खाद्यान्न और उर्वरक की सब्सिडी को सीधे लक्ष्य तक पहुंचाने के शुरुआती प्रयोग के बाद सरकार का इरादा अब केरोसिन का दुरुपयोग और इसकी कालाबाजारी रोकने का है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यह बात कही।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि विश्व में संघ की छवि को लेकर सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आरएसएस या हिंदुत्व की विचारधारा किसी का विरोध नहीं करते और ना ही किसी के विपरीत काम करते हैं।
मार्क्सवादी इतिहासकार इरफान हबीब के एक पत्र के जवाब में माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश कारात ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने नाम लिए बगैर इरफान हबीब के साथ ही महासचिव सीताराम येचुरी को भी आड़े हाथों लिया है।
सियोल में सोमवार से से शुरू हुई 48 परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) देशों की बैठक के दौरान संगठन का सदस्य बनने की भारत की आशाओं को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब चीन ने कहा कि यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है।
लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद जब स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास जैसा भारी भरकम मंत्रालय दिया गया तो कई लोगों की भवें टेढ़ी हुईं। आखिर इस मंत्रालय के राजीव गांधी के जमाने में नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में मुरली मनोहर जोशी और संप्रग एक के दौर में अर्जुन सिंह जैसे नेता संभाल चुके थे जो खुद कभी प्रधानमंत्री पद की रेस में रहे थे।