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बंगाल व असम चुनावः हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधियों पर प्रशासन ढीला

बंगाल व असम चुनावः हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधियों पर प्रशासन ढीला

तमाम प्रशासनिक उपायों और सुरक्षा चौकसी के बावजूद बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के दौरान हिंसा और बोगस वोटिंग की आशंका बनी हुई है। खासकर, बंगाल को लेकर सिरदर्द ज्यादा है। बंगाल में बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश से असामाजिक तत्वों को राजनीतिक पार्टियों द्वारा बुलाए जाने की खबरें आई हैं। बंगाल के गांवों में राजनीतिक हिंसा बढ़ने लगी है।
भारतीय खेल इतिहास पर किताब

भारतीय खेल इतिहास पर किताब

सिंगापुर विश्वविद्यालय के थिंक टैंक माने जाने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशिया स्टडीज के वरिष्ठ शोधार्थी रोनोनंजय सेन ने नेशन एट प्ले : ए हिस्ट्री ऑफ स्पोर्ट इन इंडिया नाम एक किताब लिखी है।
बुकर जीत जमैका  के मार्लोन जेम्स ने रचा इतिहास

बुकर जीत जमैका के मार्लोन जेम्स ने रचा इतिहास

जमैका के लेखक मार्लोन जेम्स को उनकी किताब 'ए ब्रीफ हिस्टी ऑफ सेवन किलिंग्स' के लिए वर्ष 2015 का प्रतिष्ठित मैन बुकर पुरस्कार प्रदान किया गया है। जमैका के साहित्यिक इतिहास में पहली बार किसी साहित्यकार ने यह पुरस्कार जीता है।
भारत में डिस्कवरी का 20वां जन्मदिन

भारत में डिस्कवरी का 20वां जन्मदिन

भारत में अपने 20 साल पूरे होने के अवसर पर डिस्कवरी चैनल ने देश की कुछ बेहतरीन कहानियों समेत अपने कुछ सबसे शानदार कार्यक्रमों को विशेष रूप से प्रदर्शित करने की योजना बनाई है।
लुशिन मंच पर लाएंगी अरूणा की कहानी

लुशिन मंच पर लाएंगी अरूणा की कहानी

अरुणा शानबाग की मृत्यु ने सभी को झकझोरा है। बयालीस साल कोमा में रही अरुणा शानबाग की पिछले दिनों मुंबई के केइएम अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। उन्हीं अरुणा शानबाग के जीवन पर प्रख्यात रंगकर्मी लुशिन दुबे का अगला नाटक होगा। इससे पहले पत्रकार पिंकी विरानी ने अरुणा शानबाग स्टोरी नाम से किताब भी लिखी थी। यह नाटक उसी किताब पर आधारित होगा।
सिनेमा का इतिहास और वर्तमान

सिनेमा का इतिहास और वर्तमान

हिंदी में सिनेमा के इतिहास पर सबसे नई पुस्तक है - समय, सिनेमा और इतिहास। हिंदी सिनेमा के सौ साल पूरे होने पर जश्न तो कई हुए, अखबारों, पत्रिकाओं में कई अहम विशेषांक भी निकले लेकिन पुस्तक के रूप में बॉलीवुड के इतिहास को नए तरीके से समेटने का काम कम हुआ। कुछ देर से ही सही, लेकिन संजीव श्रीवास्तव की यह पुस्तक इस मायने में काफी सराहनीय है। पुस्तक में शामिल सौ साल से अधिक के हिंदी सिनेमा की बड़ी तस्वीरें, व्यक्ति और समाज की अनुभूति और अभिव्यक्ति की बहुरंगी भाव-भंगिमाओं को विविघता से संजोए हुए हैं। यहां व्यावसायिकता की चकाचौंध है, तो कला की प्रांजलता भी। बाजार के दबाव और समझौते की कहानियां हैं तो प्रतिबद सामाजिक सरोकार के नजीर भी हैं।
वाणी का 51वां स्थापना दिवस

वाणी का 51वां स्थापना दिवस

वाणी प्रकाशन के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर एनेक्स में ‘एथनोग्रफिक-हिस्ट्री-ऑफ-बुक्स बनाम कहानी-किताब-की’ कार्यक्रम हुआ। वक्ताओं में आशीष नंदी, मृणाल पांडे और अभय कुमार दूबे थे। कार्यक्रम की शुरुआत वाणी के निदेशक अरुण महेश्वरी ने की। यह कार्यक्रम वाणी प्रकाशन के इक्क्यावनवें स्थापना दिवस पर आयोजित किया गया था।
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