Advertisement

Search Result : "Holi Milan"

महाराष्ट्र सरकार के विरोध में किसानों ने खेली दूध की होली, धारा 144 लागू

महाराष्ट्र सरकार के विरोध में किसानों ने खेली दूध की होली, धारा 144 लागू

महाराष्ट्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाले किसानों के आंदोलन का असर आज दूसरे दिन भी बरकरार है। कर्ज माफी की मांग को लेकर किसान गुरुवार से हड़ताल पर हैं। राज्य में किसान आंदोलन में जारी हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। किसानों ने बुलडाणा में दूध से होली भी खेली।
कौन होगा रंगरेज...कौन होगा बदरंग

कौन होगा रंगरेज...कौन होगा बदरंग

रंगों के त्यौहार से ऐन पहले उत्तर प्रदेश में शनिवार को चुनाव नतीजों का पिटारा खुलने के साथ ही यह तय हो जाएगा कि इस बार कौन होली मनाएगा और किसकी उम्मीदें बदरंग हो जाएंगी।
मथुरा में रंग बरसने लगे,  बरसाना में लठमार से मच रही धूम

मथुरा में रंग बरसने लगे, बरसाना में लठमार से मच रही धूम

ब्रज में रंग और उमंग के अनूठे त्यौहार होली का आनंद फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि वसंत पंचमी के दिन से ही बिखरने लगता है किंतु फाल्गुन शुक्ल नवमी के दिन बरसाना की लठमार होली से वह आनंद मानों परवान चढ़ जाता है। उसके बाद तो फिर होलिका दहन के दस दिन बाद तक रंगों की धूम मची रहती है।
किसी मुद्दे पर चर्चा बंद नहीं होनी चाहिए: मोदी

किसी मुद्दे पर चर्चा बंद नहीं होनी चाहिए: मोदी

भारतीय जनता पार्टी द्वारा दिल्ली में आयोजित दीपावली मिलन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे मुद्दा कोई भी हो उसपर चर्चा बंद नहीं होनी चाहिए।
नेशन वॉन्ट्स टू नो, 'क्या है होली’

नेशन वॉन्ट्स टू नो, 'क्या है होली’

खोजी पत्रकार बन गए बच्चे जिद पकड़ बैठे कि होली से पहले मालपुआ का प्रोमो टेस्ट होना चाहिए। अब उन्हें कौन समझाए कि प्रोमो के चक्कर में असली माल पर हाथ साफ करने वालों की कमी नहीं है
होली के मारक महीने में राष्ट्रवाद

होली के मारक महीने में राष्ट्रवाद

कपार पर गुलाल की बिंदी लगाने को ही होली मान लेने वालों को राजद्रोही मानना चाहिए। होली तो ऐसी होनी चाहिए कि अगल-बगल के चार घरों से लोग निकल कर देखें और कहें वाह क्या होली है
नहीं चाहिए ऐसे पैसे जो संगीत का अपमान कर कमाए गए हों- मिलन सिंह

नहीं चाहिए ऐसे पैसे जो संगीत का अपमान कर कमाए गए हों- मिलन सिंह

नब्बे के दशक में जब गायिका मिलन सिंह सिल्वर स्क्रीन पर आईं तो लोग इसी पसोपेश में रहते थे कि वह महिला हैं या पुरुष। वह दोनों आवाजों में गाया करती थीं। तब उनके गीत युवाओं की जुबान पर रहते । खासकर ‘ अक्ख दे इशारे नाल गल कर गई कुड़ी पटोले वरगी ’ और ‘हाणियां तू कर लै प्यार की जिना तेरा जी करदा ’। इन गीतों की वजह से लोग उन्हें पंजाबी समझते लेकिन मिलन सिंह उत्तर प्रदेश में इटावा के एक गांव की रहने वाली हैं और ठाकुर परिवार में जन्मीं हैं। 32 सुपरहिट एलबम देने वाली मिलन सिंह ने हाल ही में संगीत की दुनिया में पुनः वापसी की है। पेश है उनके बातचीत के कुछ अंश-
गर्म मौसम में फिटनेस

गर्म मौसम में फिटनेस

गर्मियों के मौसम में फिटनेस का जितना बुखार चढ़ता है उतना किसी और मौसम में नहीं चढ़ता। सर्दियों में गुनगुनी रजाई से बाहर निकलने का मन नहीं करता, बारिश में भीगते हुए कौन दौड़ने जाएगा का प्रश्न उठ खड़ा होता है। ऐसे में यही एक मौसम बचता है जिसमें सभी को लगता है कि जितना व्यायाम करना है इसी मौसम कर लें और पूरे साल के लिए फिट हो जाएं। फिटनेस का ऐसा जुनून आप पर भी है तो जरा गौर फरमाएं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement