फिल्मफेयर अवॉर्ड का बेसब्री से इंतजार रहता है। कार्यक्रम के होस्ट शाहरूख की चुटीली बातें और शानदार स्टाइल पर उतनी ही नजर रहती है, जितनी अवॉर्ड विजेताओं पर।
गीत, कविता, कहानियां, गजल, निबंध हर विधा में रामदरश मिश्र ने अपनी कलम चलाई है। वह नामी साहित्यकार से पहले संवेदनशील, उदार, स्नेहशील, सहज और सहृदयी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। सन 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक आग की हंसी के लिए देने की घोषणा हुई है। इस मौके पर साहित्य अकादमी, दिल्ली, के सभागार रामदरश मिश्र जी ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में अपने पाठकों, प्रशंसकों से रूबरू हुए।
बॉलीवुड का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड फिल्मफेयर के प्रति हमेशा से अलग तरह की चाहत रही है। फिल्मफेयर के 61 साल के इतिहास में पहली बार साधारण दर्शक इसका हिस्सा बन पाएंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साफ कहा है कि उनकी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों की होड़ में नहीं है। उन्होंने ‘आप’ सदस्यों को चुनाव के पीछे नहीं भागने की सलाह देने के बावजूद यह कहा कि पंजाब के अगले चुनावों में पार्टी को दिल्ली जैसा मौका मिल सकता है।
श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने के तरीके पर असहमति जताते हुए मशहूर अभिनेता कमल हासन ने कहा कि पुरस्कार वापस करना इस समस्या का कोई समाधान नहीं है क्योंकि ध्यान आकर्षित करने के और भी तरीके हैं।
नए अभिनेता जरा मुश्किल से ही राजनीति पर अपनी राय जाहिर करते हैं। लेकिन राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित अभिनेता राजकुमार राव ने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने के फिल्म निर्माताओं के फैसले को साहसी कदम बताया है।
पिछले कुछ दिनों से पुरस्कार लौटा रहे लेखकों की सूची में नया नाम शायर मुनव्वर राणा का जुड़ गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा, विरोध दर्ज कराने का इससे मजबूत और कोई जरिया नहीं है।
उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।