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दीपिका-वरुण की जोड़ी बनाएंगे शूजित

दीपिका-वरुण की जोड़ी बनाएंगे शूजित

शूजित सरकार परदे पर जादू रचने में माहिर हैं। इस बार वह ऐसी जोड़ी के साथ यह कमाल दिखाएंगे जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। इस बार शूजित अपनी नई फिल्म ‘अक्टूबर’ के लिए बिलकुल ताजी जोड़ी ला रहे हैं।
शूजीत सरकार ने कहा- बच्चों का बचपन छीन रहे हैँ रियलिटी शो

शूजीत सरकार ने कहा- बच्चों का बचपन छीन रहे हैँ रियलिटी शो

शूजीत सरकार ने कहा कि पहले भी कई बार इस पर सवाल उठाया जा चुका है कि बच्चों से जुड़े रियलिटी शो बंद होने चाहिए क्योंकि इससे बच्चों पर बहुत कम उम्र में मानसिक दबाव पड़ता है।
प्रसार भारती सीईओ जवाहर सरकार का इस्तीफा मंजूर

प्रसार भारती सीईओ जवाहर सरकार का इस्तीफा मंजूर

यूपीए सरकार में नियुक्त किए गए प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने खुद रविवार को फेसबुक पर यह जानकारी दी। सरकार ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के 41.5 रोचक साल की नौकरी छोड़ने का वक्त आ गया है। सरकार ने भी मेरा इस्तीफा मंजूर कर लिया है। काम बहुत हुआ। अब न सरकारी काम न कोई निजी। अंततः मैं स्वतंत्र हूं और अब सिर्फ किताबें।
प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार ने कहा, इस्तीफे के बारे में सोच रहा हूं

प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार ने कहा, इस्तीफे के बारे में सोच रहा हूं

प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार का कार्यकाल अगले साल फरवरी में पूरा होगा लेकिन उन्होंने आज कहा कि वह इस्तीफा देने के बारे में दृढ़तापूर्वक विचार कर रहे हैं।
प्रसार भारती में सरकार की जगह सुनील अरोड़ा हो सकते हैं सीईओ

प्रसार भारती में सरकार की जगह सुनील अरोड़ा हो सकते हैं सीईओ

प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार को पदमुक्त किए जाने की ख्रबरें हैं। कहा जा रहा है कि प्रसार भारती के अन्य ऑफिसरों के साथ पटरी न बैठने और कई विवाद के बाद वेंकैया नायडु ने यह कदम आखिरकार उठा ही लिया। जो काम अरुण जेटली ने नहीं किया वह वेंकैया ने तेजी दिखाते हुए कर दिया।
समीक्षा - पीकू

समीक्षा - पीकू

शुजीत सरकार की नई फिल्म पीकू वैसे तो पारिवारिक कहानी है, पर आजकल पूरी तरह पारिवारिक कहानियों का दौर और परिभाषा दोनों बदल गई है। शायद अभी भी कुछ दर्शक यह न पचा पाएं कि एक पिता किसी तीसरे व्यक्ति के सामने बेटी के लिए कहे, ‘शी इज नॉट वर्जिन।’ फिर भी यह ऐसी फिल्म है जो पारिवारिक मुद्दों और बूढ़ों की समस्याओं पर हल्के-फुल्के ढंग से रोशनी डालती है। अच्छा लगता है जब नकारा श्रेणी में आ गई नई पीढ़ी की लड़की पिता की खातिर शादी नहीं कर रही और कहती है, ‘एक वक्त के बाद माता-पिता को बच्चे ही जिंदा रखते हैं।’
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