पूरे देेेेश को शर्मसार करने वाले निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पूरे देश में नई चेतना आई। जिसके बाद बलात्कारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाने और ऐसे जघन्य अपराध में लिप्त नाबालिगों को भी कड़ी सजा दिलवाने की मुहिम छिड़ी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अदालत की अवमानना का नोटिस मिलने के बाद कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन ने सर्वोच्च न्यायालय के किसी सिटिंग जज को नोटिस थमाने के अधिकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। साथ ही उन्होंने एक बार फिर आरोप लगाया है कि ऊंची जाति के जज, एक दलित जज से छुटकारा पाने के लिए अपने अधिकारों का नाजायज़ इस्तेमाल कर रहे हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि अदालती कार्यवाही की रिकॉर्डिंग ईमानदारी और निष्पक्षता से नहीं करने वाला न्यायाधीश वादियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय करता है। न्यायालय ने यह टिप्पणी भ्रष्टाचार के एक मामले को एक निचली अदालत से दूसरी में स्थानांतरित करते हुए यह टिप्पणी की।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार काे केन्द्र सरकार से सवाल किया कि कोलेजियम की सिफारिशों के बावजूद वह उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों का तबादला क्यों नहीं कर रही है। न्यायालय ने लंबित तबादलों के बारे में विस्तार से दो सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी केन्द्र को दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्राी जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों पर सन्देह व्यक्त करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने संकेत दिया है कि वह शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकते हैं। उन्होंने उस याचिका की सुनवाई के दौरान यह संकेत दिया जिसमें इस मामले की जांच किसी जांच आयोग या तथ्य अन्वेषण समिति से करवाने का अनुरोध किया गया है। दो सदस्यीय अवकाश पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि क्या हुआ।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1987 के हाशिमपुरा नरसंहार में संलिप्त पुलिसकर्मियों की पहचान से जुड़े सबूतों के नष्ट होने के दावों और पीड़ितों के निकट परिजनों के लिए तय मुआवजे दूर के परिचितों को दिए जाने पर आज चिंता प्रकट की।
सौम्या हत्या मामले में पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू अपने ब्लॉग पर सुप्रीम कोर्ट के बारे में टिप्पणी की थी। शीर्ष अदालत ने इसके बारे में स्वतः संज्ञान लिया था और उनके खिलाफ अवमानना का मामला दायर किया था। अब काटजू ने अदालत को कहा है कि वह खुली अदालत में बिना शर्त माफी मांगने को तैया हैं। साथ ही उन्होंने अदालत की अवमानना मामले को बंद करने के लिए भी कहा है।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने कथित रूप से असंयमित भाषा का इस्तेमाल करने और न्यायपालिका को बदनाम करने के मामले में अपने खिलाफ अवमानना मामले की शीघ्र सुनवाई के लिये आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।