उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के समर्थन को लेकर असमंजस में रहने वाली बीजेडी ने आखिरकार अपना पत्ता खोल दिया है। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का समर्थन करने वाले बीजेडी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को समर्थन देने का फैसला किया है।
शिवसेना द्वारा गोपाल कृष्ण गांधी पर दिए विवादित बयान के बाद कांग्रेस ने इसका जवाब दिया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि गांधी ने याकूब मेनन की फांसी का विरोध किया था। इस बयान के बाद सियासी हलकों में खलबली मच गई थी।
उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार 71 वर्षीय गोपाल कृष्ण गांधी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं तथा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के साथ बंगाल के पूर्व गवर्नर भी रह चुके हैं। प्रशासनिक व कूटनीतिक पदों पर लंबे अनुभव के धनी होने के साथ लेखन और बौद्धिक जगत में अपनी खास पहचान रखते हैं। समझा जाता है कि पारिवारिक जड़ें गुजरात की होने के कारण विपक्ष ने उन्हें चुना है ताकि पीएम मोदी भी आसानी से उनका विरोध न कर पाएं।
भारत-चीन के बीच सिक्किम सीमा पर चल रहे विवाद को अमेरिका के एक शीर्ष एक्सपर्ट ने इसे पेइचिंग की चाल बताया है। एक्सपर्ट का कहना है कि चीन इंच-इंच करके सीमा पर मीलो कब्जा करना चाहता है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने चीनी राजदूत के साथ मुलाकात को स्वीकार करते हुए कहा है कि मैंने चीनी राजदूत के साथ-साथ भूटान के राजदूत और पूर्व एनएसए शिव शंकर मेनन से भी मुलाकात की थी। इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति की अहमदाबाद में झूला झूलते हुए फोटों शेयर की और कहा 'यह मैं नहीं हूं"। इसके साथ ही उन्होंने पिछले दिनों तीन केंद्रीय मंत्रियों की चीन यात्रा पर भी सवाल उठाएं।
रक्षामंत्री अरुण जेटली के उस बयान पर कि भारत 1962 वाला नहीं रहा और 2017 तक काफी बदल चुका है, आज चीन ने भी कहा कि चीन भी 1962 वाला नहीं रहा है। दोनों देशों के बीच सिक्किम सीमा पर गतिरोध बना हुआ है।
भारत ने चीन के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सैनिकों ने चीन की सीमा का उल्लंघन किया है। साथ ही चीन की धमकी के जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि 2017 का भारत 1962 के भारत से काफी अलग है।
इस बुरे दौर में जब दो समुदाय के बीच विश्वास कम होते हुए खत्म होता जा रहा है, उडुपी के कृष्ण मंदिर ने अनोखी मिसाल पेश की है। कल ईद के मौके पर कई मुस्लिम भाइयों ने बांह पर काली पट्टी बांध कर समुदाय पर हो रहे हमलों का मौन विरोध किया था। इससे अलग प्राचीन काल के कृष्ण मंदिर में इतिहास में पहली बार रोजेदारों ने न सिर्फ नमाज पढ़ी बल्कि रोजा भी तोड़ा।