फैशनेबल रहना किसी भी महिला का अधिकार हो सकता है। नए चलन का कपड़ा पहनने का मन किसी भी महिला का हो सकता है। लेकिन इस चलन में कुछ बातों पर गौर करना भी जरूरी है।
फैशन का मतलब सिर्फ अच्छे या चलन में चल रहे कपड़े पहनना भर नहीं है। फैशन बहुत अलग ढंग से परिभाषित होता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि फैशन लड़कियों के लिए होता है। जनाब फैशन पुरुषों के लिए भी होता है। जे जे वलाया ने यही तो कर दिखाया है।
यदि दफ्तर स्तनपान कराने वाली मांओं के लिहाज से सुविधाजनक कार्यस्थल में बदल जाए तो महिला कर्मचारियों की काम की रफ्तार तेज हो सकती है। एक अध्ययन कहता है कि पर्याप्त मातृत्व लाभ पाने वाली कामकाजी महिलाओं में दफ्तर में अधिक संतुष्टि देखी गई है। चूंकि स्तनपान करने वाले बच्चे कम बीमार पड़ते हैं, ऐसे में मांएं दफ्तर में कम अनुपस्थित रहती हैं।
मधुर भंडारकर सामाजिक विषयों में मनोरंजन और व्यावसायिकता का तड़का लगा कर फिल्में बनाना पसंद करते हैं। चांदनी बार से लेकर फैशन तक उन्होंने किसी न किसी उद्योग को आधार बना कर काम किया है। इस बार वह कैलेंडर पर दिखने वाली खूबसूरत बालाओं पर फिल्म बना रहे हैं।
जो न बदले वह फैशन ही क्या। पल-पल बदलती शैली ही फैशन की असली ताकत है। खादी आजादी की लड़ाई के वक्त से जनता के बीच लोकप्रिय है। पर इसे जनप्रिय बनाने के लिए समय-समय पर बदलाव करने पड़ते हैं। फैशन के इस दौर में खादी भी निखर रही है, संवर रही है।
दुल्हन के परिधानों की श्रृंखला में शाही ठाट-बाट और भव्य अंदाज के लिए चर्चित फैशन डिजाइनर अबू जानी-संदीप खोसला की जोड़ी 15 जुलाई से शुरू हो रहे आगामी बीएमडब्ल्यू इंडिया ब्राइडल फैशन वीक 2015 में मंच पर प्रस्तुति देने वाले हैं।