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स्वदेशी जागरण मंच की मांग, पीएम मोदी एमएसएमइ की परिभाषा बदलने वाले बिल को पास होने से रोकें

स्वदेशी जागरण मंच की मांग, पीएम मोदी एमएसएमइ की परिभाषा बदलने वाले बिल को पास होने से रोकें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमइ)...
गूगल की नई तकनीक: अब आसान होगा भारतीय भाषाओं में अनुवाद

गूगल की नई तकनीक: अब आसान होगा भारतीय भाषाओं में अनुवाद

गूगल ने अनुवाद से संबंधित नए उत्पाद और फीचर्स की घोषणा की है। इसके तहत गूगल ने गुजराती, पंजाबी, मलयालम और कन्नड़ सहित नौ और भारतीय भाषाओं के लिए सपोर्ट तकनीक उपलब्ध कराया है। गूगल ने उम्मीद जताई है कि इससे और अधिक लोग अपनी पसंद की भाषा में इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे।
भाषा-तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की सफलता का उत्सव है फ्यूल कॉन्‍फ्रेंस

भाषा-तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की सफलता का उत्सव है फ्यूल कॉन्‍फ्रेंस

फ़्यूल ज़िल्ट कॉन्‍फ्रेंस 2016 को भाषा तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की बेमिसाल सफलता का उत्सव कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। भाषाई कंप्यूटिंग के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों का यह सलाना उत्सव इस साल नई दिल्ली के द सूर्या होटल में बीते सप्ताहांत में आयोजित किया गया। दुनियाभर से करीब सौ से अधिक लोग इस कार्यक्रम में शरीक हुए।
आउटलुक विशेष- अब भारत के पास भी होगी आर्मर्ड ड्रोन की तकनीक

आउटलुक विशेष- अब भारत के पास भी होगी आर्मर्ड ड्रोन की तकनीक

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर के अमेरिकी दौरे में इस हफ्ते महत्वपूर्ण समझौते होने हैं। दोनों देशों के बीच सैन्य संसाधनों और सैनिक बेस, आपूर्तियों के परस्पर इस्तेमाल को लेकर करार तय माना जा रहा है। पर्रीकर के इस दौरे में भारत को अमेरिका से हथियारबंद ड्रोन (आर्मर्ड ड्रोन) तकनीक मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके लिए भारत अरसे से प्रयास कर रहा था। मनोहर पर्रीकर की वहां के सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस एश्टन कार्टर के साथ कई दौर की बात होनी है। रक्षा मंत्री रविवार को यहां से अमेरिका के लिए रवाना हुए। वे वहां पहुंच चुके हैं और उनका यह सप्ताह व्यापी दौरा है।
प्रदूषण से निपटने के लिए चीन,  भारत मिला सकते हैं हाथ : अधिकारी

प्रदूषण से निपटने के लिए चीन, भारत मिला सकते हैं हाथ : अधिकारी

शंघाई विदेश मामलों के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि चीन शहरों के आर्थिक विकास से उत्पन्न वायु प्रदूषण जैसे पर्यावरण ह्रास के प्रभावों से निपटने के लिए भारत के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी, अनुभव और हरित साधन साझा करने के लिए तैयार है।
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