सियोल में शीर्षस्तर की बातचीत खतम हो चुकी है। बैठक के नतीजे की अौपचारिक घोषणा होना बाकी है। सदस्यता पर भारत की संभावना धूमिल हो गर्इ हैं। अड़ियल चीन अंत तक भारत के विरोध में कायम रहा। उसने आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के प्रवेश पर समर्थन देने से साफ इनकार किया है। हालांकि ग्रुप के 48 देशों मेंं से 47 देशों ने अपनी सहमति दे दी है। लेकिन इससे भारत को कोई विशेष फायदा नहीं हुआ। चीन का कहना है कि एनएसजी के नियमों का पालन किए बिना वह भारत के प्रवेश का समर्थन नहीं करेगा।
एनएसजी की सदस्यता हासिल करने में मोदी सरकार की नाकामी के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि यह भारत के लिए शर्मनाक है। पीएम मोदी ने इस पूरे मसले पर देश को शर्मसार किया है।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने गुरुवार को ताशकंद पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए समर्थन मांगा। प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि सियोल में चल रहे एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन के समक्ष पेश भारत के आवेदन का निष्पक्ष और उद्देश्यपरक मूल्यांकन किया जाए।
शंघाई विदेश मामलों के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि चीन शहरों के आर्थिक विकास से उत्पन्न वायु प्रदूषण जैसे पर्यावरण ह्रास के प्रभावों से निपटने के लिए भारत के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी, अनुभव और हरित साधन साझा करने के लिए तैयार है।
चीन द्वारा भारत की उम्मीदों पर सोमवार को पानी फेरने के बाद आज भारत के लिए अच्छी खबर आई है। मंगलवार को चीन ने कहा कि भारत और अन्य गैर एनपीटी देशों को शामिल करने के मुद्दे पर एनएसजी सदस्यों के बीच सियोल में जारी बैठक में वार्ता चल रही है।
सियोल में सोमवार से से शुरू हुई 48 परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) देशों की बैठक के दौरान संगठन का सदस्य बनने की भारत की आशाओं को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब चीन ने कहा कि यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि भारत की एनएसजी की सदस्यता पर चीन को मना लिया जाएगा। सुषमा ने विश्वास जताते हुए कहा कि हम इस मसले पर चीन को राजी कर लेंगे। उन्होंने कहा कि अभी सरकार का सारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि इस साल देश को एनएसजी की सदस्यता हर हाल में मिल जाए। लिहाजा हम इस दिशा में सभी हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
चीन देश के सूखा प्रभावित महाराष्ट्र में बारिश करा सकने वाली प्रौद्योगिकी क्लाउड सीडिंग उपलब्ध कराने और स्थानीय मौसम विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के संदर्भ में भारत से बात कर रहा है। बीजिंग, शंघाई और चीन के पूर्वी अन्हुई प्रांत के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों के एक दल ने महाराष्ट्र की हालिया यात्रा के दौरान इस तरह के सहयोग की पेशकश की। महाराष्ट्र पिछले दो साल से भारी सूखे का सामना कर रहा है।
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह यानी एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत की राह अभी तक आसान नहीं हुई है। अमेरिका, मैक्सिको और स्विटजरलैंड ने इस मसले पर अपनी सहमति दे दी है, लेकिन चीन सहित छह अन्य देश अभी भी इस पर एक राय कायम नहीं कर सके हैं। इन देशों ने भारत का विरोध किया है। कोरिया की राजधानी सियोल में इस महीने के अंत में होने वाले एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन में इस पर अंतिम विचार किए जाने की संभावना है। विएना में हुई एनएसजी की दो दिवसीय बैठक में इस मुद्दे पर किसी निष्कर्ष पर न पहुंच पाने के बाद यह फैसला किया गया। सियाेल में 24 जून को एनएसजी का पूर्ण अधिवेशन होने वाला है।