लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन आज आमतौर पर संसद में अलग-अलग मामलों पर दंगल करने वाले सांसदों को आमिर खान की फिल्म ‘दंगलट दिखाएंगी। इसके लिए लोकसभा स्पीकर ने सदन में ही विशेष इंतजाम किए गए हैं।
कार्यपालिका और न्यायपालिका की भूमिकाओं के बीच अंतर को रेखांकित करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि जनता का धन कैसे खर्च किया जाए, इसकी मंजूरी देने का अधिकार केवल संसद को है और वही यह कानून बना सकती है कि सांसदों को कितनी पेंशन दी जा सकती है।
सांसदों के लिए कल अभिनेता अमिर खान अभिनीत फिल्म दंगल का प्रदर्शन किया जायेगा जिसमें न केवल महिला सशक्तीकरण का संदेश दिया गया है बल्कि यह मनोरंजन से भी भरपूर है।
भारत से ज्यादा उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान, नेपाल, चीन, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका हैं। एक वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवाद के पनाहगाह पाक और बेहद गरीब नेपाल जैसे देश भी खुशहाली के मामले में भारत को पीछे छोड़ चुके हैं।
यूपी का सीएम बनने के बाद मंगलवार को योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे। योगी ने कहा कि पीएम मोदी के सपनों का उत्तर प्रदेश होगा। पीएम मोदी के शासन से उत्तर प्रदेश में उत्साह का नया ढांचा है। सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में नई सरकार काम करेगी।
राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने पेट्रोल पंपों पर ईंधन खरीदने के बाद क्रेडिट कार्ड से भुगतान किए जाने पर ट्रांजेक्शन सरचार्ज लगाए जाने तथा एटीएम से रुपये निकालने पर नये अधिभार लगाए जाने को लेकर चिंता जाहिर की।
एम्स के डॉक्टरों ने कहा कि दक्षिण दिल्ली के मुनीरका में अपने दोस्त के यहां कथित रूप से फांसी लगा लेने वाले जेएनयू शोधछात्रा की मौत सांस अवरूद्ध होने से हुई और उसके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बैठक के दौरान देश के आला अधिकारियों को काफी तैयारी के साथ आना पड़ रहा है। सीनियर अधिकारियों को पुराने वादों के एक-एक शब्द की ताजा स्थिति के बारे में पीएम को अवगत करना पड़ रहा है।
लोकसभा चुनाव में हारने के बाद राज्यसभा के रास्ते सांसद बनने पर रोक लगाने संबंधित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सवालिया निशान उठाए हैं। न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और विनोद गोयल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि कानून बनाना और उसमें बदलाव करना न्यायपालिका का काम नहीं है, इसके लिए सरकार को चुना जाता है। न्यायपालिका केवल इस बात की समीक्षा कर सकती है कि यह कानून देश के बुनियादी ढांचे व संविधान के अनुरूप बनाए गए हैं या नहीं।