कैग ने संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि अब तक जनवरी 2015 में मार्च 2017 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बाजार से केवल 7,726 करोड़ रुपए जुटाए। इससे 2019 तक एक लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाए जाने की संभावना को लेकर संदेह है।
देश के 14वें राष्ट्रपति के लिए के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में जारी मतदान के बीच नेता और जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। कोई सोशल मीडिया पर तो टीवी चैनल्स के माध्यम से। इस बीच लोकसभा के भूतपूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी राय व्यक्त की है।
मध्य प्रदेश में कर्ज की समस्या के बोझ तले दबे किसान आए दिन आत्महत्या कर रहे हैं। प्रदेश में किसान आंदोलन खत्म होने के बाद भी किसान आत्महत्या का सिलसिला कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है।
मध्यप्रदेश में एक और किसान कर्ज से परेशान होकर कथित रूप से खुदकुशी कर ली है, जिसके बाद प्रदेश में बीते 10 दिनों में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
पशुओं की खरीदी-बिक्री को लेकर मोदी सरकार के आदेश को मेघालय की कांग्रेस सरकार ने बड़ा झटका दिया है। इस मामले के विरोध में कांग्रेस ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया है। वहीं, मेघालय के सीएम मुकुल संगमा ने मोदी सरकार की इस अधिसूचना को वापस लिए जाने की मांग की है। राज्य में यह मामला काफी गर्मा गया था।
वेतनभोगी तबके के लिये आयकर रिटर्न भरने के वास्ते एक छोटा नया फार्म एक अप्रैल से उपलब्ध हो जायेगा। आयकर विभाग ने इस फार्म में कुछ बिंदुओं को हटा दिया है जिससे यह छोटा और अधिक सरल बन गया है।
बालीवुड में हीरोइनें अब हीरो की पिलियन राइडर (पिछलग्गू) भर नहीं हैं। यहां कहानियां अब हीरोइनों के इर्द गिर्द ज्यादा घूमने लगी हैं। वे अब एक से एक दमदार किरदार में सामने आ रही हैं। वहीं हालीवुड में अभी भी ज्यादातर फिल्मों में नाइकाएं नायकों के आर्म कैंडी (सजावट) भर होती हैं। हालीवुड की नामी गिरामी नायिका जेनिफर लोपेज ने इस स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा है कि हॉलीवुड में महिलाओं को दमदार भूमिकाएं मिलना अब भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। वहीं बालीवुड की धक धक गर्ल फेम माधुरी दीक्षित ने इस बात पर खुशी जाहिर की है बॉलीवुड में हीरोइनों को अब सही स्थान मिलने लगा है। उन्हें अब फिल्मों में दमदार किरदार के लायक समझा जाने लगा है।
वैश्वीकरण का लाभ केवल दुनिया के धनी लोगों को ही मिलने को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच भारत के सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी ने खुली बाजार अर्थव्यवस्था का पक्ष लिया और कहा कि संपत्ति सृजन को रोका नहीं जाना चाहिये क्योंकि समाज में संपत्ति वितरण के लिये संपत्ति सृजन जरूरी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति और औद्योगिक नवप्रवर्तन के लिये तैयार है।