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रोहिंग्या मुस्लिमों पर UN की आलोचना पर भारत का जवाब, सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकते

रोहिंग्या मुस्लिमों पर UN की आलोचना पर भारत का जवाब, सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकते

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि म्यामांर के रखाइन प्रांत में ताजा हिंसा की वजह से 25 अगस्त से अब तक 3,13,000 रोहिंग्या बांग्लादेश की सीमा में दाखिल हो चुके हैं।
मिसाल: मुस्लिम परिवार ने हनुमान मंदिर के लिए दान की अपनी जमीन

मिसाल: मुस्लिम परिवार ने हनुमान मंदिर के लिए दान की अपनी जमीन

साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए मध्य प्रदेश में 34 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी जमीन दान में दी।
तीन तलाक: SC के फैसले का मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत, कहा- यह इस्लाम की जीत

तीन तलाक: SC के फैसले का मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत, कहा- यह इस्लाम की जीत

तीन तलाक मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पांच में से तीन जजों के असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद लोगों में इस फैसले को लेकर खुशी की लहर दौड़ उठी है।
बनारसी पान की लिस्ट में जुड़ा नया नाम ‘शाहरुख पान’

बनारसी पान की लिस्ट में जुड़ा नया नाम ‘शाहरुख पान’

हाल ही में बनारसी पान के ब्रैंड में एक नया नाम और जुड़ गया है। बनारसी पानों में नए नाम की एंट्री तब हुई जब 70 साल पुरानी मशहूर पान की दुकान पर बॉलीवुड के ‘बादशाह’ शाहरुख खान पहुंचे।
कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पहले ही संबोधन पर खड़े किए सवाल

कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पहले ही संबोधन पर खड़े किए सवाल

देश के 14वें राष्ट्रपति के रुप में मंगलवार को रामनाथ कोविंद ने संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ ली। राष्ट्रपति के पहले ही संबोधन पर कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं। इस दौरान राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बाते कही और कई पूर्व राष्ट्रपति के नाम भी लिए।
प्रशांत भूषण का दावा, मुस्लिमों ने लिखे आजादी के सारे नारे-तराने, कहां थे हिंदू?

प्रशांत भूषण का दावा, मुस्लिमों ने लिखे आजादी के सारे नारे-तराने, कहां थे हिंदू?

प्रशांत भूषण जब भी कुछ कहते हैं, विवादों में आ जाते है। कश्मीर जनमत संग्रह पर दिए गए बयान पर तो उनके साथ हाथापाई भी हो गई थी।
क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
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