Advertisement

Search Result : "Myanmar earthquake"

म्यांमार में चुनाव आयोग पर नतीजों में देरी का आरोप

म्यांमार में चुनाव आयोग पर नतीजों में देरी का आरोप

म्यांमार के चुनावों में भारी जीत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही विपक्षी पार्टी ने सरकारी चुनावी पैनल पर जानबूझकर नतीजों में देरी करने का आरोप लगाया है। आंग सान सू की की पार्टी ने कहा है कि शायद चुनावी पैनल कुछ तरकीब लड़ाना चाहता है।
पार्टी जीती तो मैं सरकार चलाऊंगीः सू की

पार्टी जीती तो मैं सरकार चलाऊंगीः सू की

म्यांमार का राष्ट्रपति बनने से रोक लगने के बावजूद म्यांमार में लोकतंत्र की नायिका आंग सान सू की ने आज कहा कि अगर रविवार को हुए चुनाव में उनकी पार्टी जीतती है तो वह सरकार चलाएंगी। इस देश में पूर्व में सैन्य शासन था।
भारत के साथ रिश्ते और मजबूत होंगे: केपी ओली

भारत के साथ रिश्ते और मजबूत होंगे: केपी ओली

नेपाल की कम्यु‍निस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी -लेनिनवादी (नेकपा-एमाले) के खडग प्रसाद शर्मा ओली को देश का नया प्रधानमंत्री चुना गया है। तिरेसठ वर्षीय ओली साल 2006 की जनक्रांति के तत्काल बाद बनी गिरिजा प्रसाद कोइराला के नेतृत्व वाली सरकार में उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री बने थे। संविधान बनने के बाद प्रधानमंत्री ओली के सामने कई चुनौतियां भी हैं। नेपाल में संविधान संशोधन को लेकर मधेशियों का आंदोलन पूरा जोर पकड़ चुका है। नए संविधान की मंजूरी से पैदा ताजा मधेशी संकट और प्रधानमंत्री बनने से कुछ दिन पहले ही आउटलुक के विशेष संवाददाता ने ओली से मुलाकात की थी। कई मुद्दों पर बातचीत हुई। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
भूकंप ने बदल दी सियासत

भूकंप ने बदल दी सियासत

काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या‍ स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।
56 इंच की जुबान का रक्षा सिद्धांत

56 इंच की जुबान का रक्षा सिद्धांत

म्‍यांमार सीमा पर हाल की सैन्‍य कार्रवाई से जुड़े तथ्यों में जाहिर अंतर्विरोध सरकारी सुरक्षा प्रचार तंत्र की बखिया बखूबी उधेड़ते हैं।
म्यांमार का दावा, उसकी सीमा में नहीं मारे गए उग्रवादी

म्यांमार का दावा, उसकी सीमा में नहीं मारे गए उग्रवादी

पिछले दो दिनों से भारतीय सेना की ऐतिहासिक कार्रवाई पर अपनी पीठ थपथपा रही केंद्र सरकार की खुशियों पर म्यांमार ने पानी फेर दिया है। म्यांमार के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान में इस बात का खंडन किया गया है कि भारतीय सेना ने उसकी सरजमीं पर कोई कार्रवाई करते हुए उग्रवादियों को ढेर किया है। म्यांमार सरकार का यह भी दावा है कि उसकी सेना ने भारतीय सेना को किसी तरह की मदद नहीं की है।
भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर मारे उग्रवादी

भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर मारे उग्रवादी

पिछले दिनों मणिपुर में भारतीय सेना के 18 जवानों को मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों को भारतीय सेना ने म्यांमार की सीमा में घुसकर मार डाला। यह कार्रवाई म्यांमार की सेना के सहयोग से चलाई गई।
नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से व्यापक तबाही हुई है। इससे नेपाल में महात्रासदी की स्थिति पैदा हो गई है। भूकंप के एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद लगातार कंपन जारी है। बारह अप्रैल को 7.3 रेक्टर की तीव्रता ने स्थिति को जटिल बनाने के साथ ही लोगों का सामान्य जीवन तबाह कर दिया है। भारी संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए बाध्य हैं। पीड़ितों के पास अब तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। सरकारी मदद अब तक इन स्थानों तक नहीं पहुंची है। राज्य सरकारों की अनुपस्थिति ने शासकीय शून्यता को जन्म दिया है। वर्षों से वहां पर नौकरशाहों का राज है। स्थानीय स्तर पर निर्वाचित और उत्तरदायी शासन के अभाव ने राहत कार्यों में गंभीर स्थिति को जन्म दिया है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement