एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन औवेसी ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार को सबसे पहले कश्मीर को लेकर अपनी पॉलिसी बतानी चाहिए। ओवैसी का कहना है कि मोदी सरकार के पास कश्मीर को लेकर न तो कोई विजन है और न ही कोई प्रभावी नीति।
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के रोहमू गांव में सोमवार को आतंकियों ने गोलीबारी कर पीडीपी के जिलाध्यक्ष अब्दुल गनी पर हमला किया। घायल अब्दुल गनी की अस्पताल में मौत हो गई। जिस दौरान यह हमला हुआ उस समय वह श्रीनगर पीडीपी नेताओं से मिलने जा रहे थे। पिछले दो हफ्तों में दक्षिण कश्मीर में किसी पीडीपी नेता पर यह तीसरा हमला है।
आज श्रीनगर में कश्मीर पुलिस सेवा के नए सिरे से गठन को लेकर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती कैबिनेट बैठक से नाराज हो कर बार चली गईं। उनके बैठक छोड़कर जाने से कयास लगाए जा रहे हैं कि पीडीपी और भाजपा गठबंधन वाली सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
सुब्रमण्यम स्वामी कब किस के खिलाफ बोल बैंठे, किसी को नहीं पता होता। ऐसा ही नजारा तब देखने को मिला, जब राज्यसभा सांसद स्वामी ने जम्मू-कश्मीर की पीडीपी-बीजेपी गठबंधन को ही फेल करार दे दिया। स्वामी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कश्मीर घाटी में अशांति के लिए बुधवार को पीडीपी-भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान ने इस संकट को और बढ़ाया है। चिदंबरम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पूरी तरह अराजक हो रहे हालात को लेकर वह बेहद चिंतित हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि पीडीपी और भाजपा का अवसरवादी गठबंधन जम्मू कश्मीर में काम नहीं कर पा रहा है। मोदी सरकार को कश्मीरी लोगों के दिलों को जीतने की कोशिश करनी चाहिए। सिंधिया ने कहा, जम्मू कश्मीर को आर्थिक पेकैजों से नहीं जीता जा सकता है। उनके दिलों को जीतने की जरूरत है।
कश्मीर घाटी में कुछ स्थानों पर हुई हिंसा और झड़प के मद्देनजर सोमवार को भी कर्फ्यू जारी रहा और लगातार तीसरे दिन कोई भी अखबार नहीं आया। वहीं पुलवामा जिले में पथराव कर रही भीड़ के हमले में सत्तारूढ़ पीडीपी के एक विधायक घायल हो गए।
कश्मीर के हालात की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक में राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के भाग नहीं लेने पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने उन पर निशाना साधा है।
जम्मू कश्मीर में पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार बनने के बाद लोगों के बीच एक उम्मीद की नई किरण देखने को मिल रही है। इस सरकार से लोगों को काफी आशाएं हैं। आन्तरिक सुरक्षा को लेकर गठबंधन सरकार के सामने अनेक चुनौतियां खड़ी हैं जैसे सीमापार घुसपैठ, अलगाववादियों से निपटना और आतंकी हमलों को काबू करना प्रमुख हैं। जब तक इन चुनौतियों पर काबू नहीं पाया जाएगा तब तक कश्मीर घाटी के लोगों का जीवन स्तर नहीं सुधर सकता है।