बर्मिंघम में आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी के पहले मैच में भारत ने शानदार जीत दर्ज की है। इस मैच में भारत ने पाकिस्तान को 124 रनों से हराया। पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद ने टास जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता दिया जिसके बाद रोहित और धवन ने टीम को शानदार शुरुआत दिलायी।
मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने आज बीसीसीआई में गठित क्रिकेट प्रशासन समिति से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से यह इस्तीफ दिया है।
पाकिस्तान ने कहा है कि सभी दया याचिकाओं के निपटारे तक भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दी जाएगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने एक बयान में यह बात कही है।
कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अशतार औश्तार औसाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में आठ जून को होने वाली सुनवाई में कानूनी पक्ष रखेंगे तथा आईसीजे प्रेसीडेंट से मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से कार्यवाहक जज की मांग कर सकता है।
पाकिस्तान में एक सैनिक की शहादत ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। दरअसल पाकिस्तान की सुरक्षा करते हुए शहीद हुआ सैनिक एक हिंदू था। सोशल मीडिया पर इस शहादत की कहानी वायरल हो रही है।
भारतीय महिला उज्मा पाकिस्तान से भारत लौट आई हैं। उज्मा पाकिस्तान में जबरदस्ती शादी का शिकार हुई थीं। बाघा बॉर्डर में उन्हें दो भारतीय अधिकारियों ने रिसीव किया। इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर उज्मा का स्वागत किया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवोज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सात दिनों में सत्ता छोड़ने की चेतावनी दी है। वकीलों का कहना है यदि उन्होंने सात दिनों में सत्ता नहीं छोड़ी, तो वे उनके खिलाफ देशभर में आंदोलन करेंगे।
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला आने के बाद कई सवाल भी उठने लगे हैं। एक तरफ जहां भारत इसे अपनी रणनीतिक जीत की तरह देख रहा है तो वहीं पाकिस्तान के द्वारा इस फैसले को मानने अथवा नहीं मानने पर भी संशय जारी है। ऐसे में उन घटनाओं की ओर ध्यान जाना लाजिमी है जब अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के निर्णयों को अमल नहीं किया।
कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की अंतरिम रोक को मानने से पाकिस्तान ने इंंकार कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय का कहना है देश के अंदरुनी मामलों में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) दखल नहीं दे सकती। यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।