नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर गुरुवार को भारत पहुंचे। उनकी इस तीन दिवसीय यात्रा का मकसद भारत और नेपाल के संबंधों में आई कड़वाहट को दूर करने के साथ ही भूकंप के बाद पुनर्निर्माण, पनबिजली परियोजनाएं और सड़क निर्माण के लिए भारत से मदद मांगना है।
दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पुष्प कुमार दहल प्रचंड 15 सितंबर से तीन दिन के आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। भारत और नेपाल के संबंधों को लेकर प्रचंड का एजेंडा कितना सकारात्मक होगा- यह सवाल राजनयिक और राजनीतिक गलियारों में शिद्दत से चक्कर काट रहा है। प्रचंड के पूर्ववर्ती के.पी. शर्मा ओली का चीन के प्रति झुकाव जगजाहिर रहा है। इस कारण नेपाल में भारत के प्रति दुर्भावना बढ़ी है। ऐसे में प्रचंड की प्राथमिक चुनौती भारत के साथ संबंधों की नीतियां दुरुस्त करना होगी।
नेपाल के शीर्ष माओवादी नेता प्रचंड ने प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। प्रधानमंत्री का चुनाव बुधवार को होना है और इससे देश में राजनीतिक स्थिरता आने की उम्मीद जताई जा रही है।