मध्य प्रदेश के खंडवा में एक बंगाली परिवार में जन्म लेकर सपनों के शहर मुम्बई तक 'आभास कुमार गांगुली से 'किशोर कुमार' बनने तक का सफर तय करने वाले सदाबहार किशोर कुमार का आज 88वां जन्मदिन है।
विभिन्न एक्जिट पोल में भले ही राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में भाजपा को चुनाव में बढ़त मिलने की भविष्यवाणी की गयी थी लेकिन वे यह बताने में नाकाम रहे कि भगवा दल तिहरा शतक लगाने वाला है।
कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को 2018 में होने वाले राजस्थान, मध्यपद्रेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों की भी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक, पांच राज्यों के चुनाव के बाद उनको यह जिम्मेदारी दे दी जाएगी। उनकी इन चुनाव की रणनीति को काफी कारगर माना जा रहा है। शुरुआती जो संकेत मिल रहे हैं, उसमें यही है कि फिलहाल प्रशांत किशोर की उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड की रणनीति कामयाब रही है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज कहा कि उसने धन शोधन के आरोपों और नोटबंदी के बाद 1000 फर्जी पहचान पत्रों का कथित तौर पर इस्तेमाल करके एक करोड़ रुपये के पुराने नोटों को नए नोटों में अवैध तरीके से बदलवाने के मामले में सूरत के फाइनेंसर किशोर भजियावाला के बेटे को गिरफ्तार किया है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ के अनुमान के आंकड़े जारी कर दिए हैं। वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि वर्ष 2015-16 में यह 7.6 फीसदी पर थी। गौर हो कि पिछली क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई ने भी ग्रोथ की रफ्तार के अनुमान को 0.5 फीसदी घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया था। 7.1 फीसदी विकास दर का अनुमान पिछले 3 साल का निचला स्तर है।
नोटबंदी के ऐलान के बाद मोदी सरकार ने दावा किया था कि इससे काला धन बर्बाद होगा लेकिन जिस तेजी से बैंकों में पुराने नोटों के भंडार भर रहे हैं, उससे ये दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद कर दिए जाने के के बाद सरकार खुद अपने अनुमानों में घिरती नजर आ रही है।
देश में मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के करीब 15 दिनों के बाद अब अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एजेंसियां सुर बदलते हुए विकास दर घटने का अनुमान लगाने लगी है। हालांकि मोदी सरकार इस बात पर अब भी रजामंद नहीं हो रही है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को किसी तरह का नुकसान होगा। लेकिन इससे उलट अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां मोदी सरकार के इस सकारात्मक पक्ष को नहीं मान रही हैंं।
'चुनावी चाणक्य' प्रशांत किशोर चुनाव में जीत का एक भरोसा है। पहले पीएम मोदी, बाद में नीतीश कुमार और अब कांग्रेस इनकी मदद से सत्ता के सिंहासन तक पहुंचना चाहती है। इनकी चुनावी रणनीति काफी पुख्ता होती है। प्रशांत इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी नाम से एक संस्था चलाते हैं। यह संस्था ही किसी पार्टी के प्रचार अभियान का काम देखती है। बताया जाता है कि प्रशांत किशोर की इस संस्था में करीब 250 लोग काम करते हैं।
उत्तर प्रदेश में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की कवायद के बीच कांग्रेस ने सीटों की संख्या को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी हैैैै। चुनावी समर में प्रदेश में अपनी जगह बनाने के लिए कांग्रेस ने गठबंधन की कोशिशें तेज भी कर दी हैं। कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब तक दो बार सपा सुप्रीमों से मुलाकात कर चुके हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने सीटों को लेकर चुनावी रणनीति तैयार कर ली है। स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें कम से कम 125 से 150 सीटें चाहिए।