आमतौर पर लोग सेल्फी लेना और उसे साझा करना पसंद करते हैं लेकिन एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोई और उन्हें सोशल मीडिया में डाले यह बात उन्हें रास नहीं आती है।
गरीब समर्थक अपनी छवि को मजबूती प्रदान करने के लिए भाजपा ने कहा कि सरकार की सभी नीतियां गरीबों के कल्याण से संचालित हैं। साथ ही पार्टी ने अपने सांसदों से कहा है कि वे जनता के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गरीबों के मसीहा के रूप में पेश करें।
सरकार ने अपने ढाई साल से अधिक के शासनकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कांग्रेस पर पिछले 70 साल में घोषणाओं को ईमानदारी से पूरा नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि देश के गरीबों, वंचितों और किसानों के हित में घोषणाओं को पूरा करने के लिए दृढ़संकल्प और 56 इंच का सीना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान में वर्ष 2016 में रिकाॅर्ड संख्या में आम नागरिक हताहत हुए। इस दौरान करीब 11,500 लोग मारे गए या जख्मी हुए, जिनमें से एक तिहाई बच्चे हैं।
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लाइक करना और स्टेटस डालना आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अधिक हानिकारक साबित हो सकता है। यह जानकारी एक नये अध्ययन में सामने आयी है।
एशिया का सबसे पुराने शेयर बाजार बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) 23 जनवरी को अपना बहु-प्रतीक्षित सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने जा रहा है। इसके तहत प्राथमिक बाजार में शेयर बेच कर 1,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।
कांग्रेस ने गुरुवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब नववर्ष की पूर्वसंध्या पर बोलें तो उन्हें नोटबंदी के कारण जनता को हुई परेशानियों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। पार्टी ने छह जनवरी से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का एेलान किया।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
साहित्य उत्सव या लिट फेस्ट अब स्कूल तक पहुंच गए हैं। अब तक इस तरह के उत्सव किसी शहर में बड़े साहित्यकारों के बीच ही होते थे। यह पहली बार है कि किसी स्कूल ने अपने यहां साहित्योत्सव आयोजित किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि भारत को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में और अधिक निवेश करना चाहिए तथा अवसंरचना एवं मानव संसाधन समेत सभी पहलुओं पर गौर करते हुए त्वरित स्वास्थ्य आपूर्ति प्रणाली का निर्माण करना चाहिए। इसमें ग्रामीण इलाकों पर विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।