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नोटबंदी में माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री : कर्ज वसूली 30 और वितरण 70 फीसदी गिरा

नोटबंदी में माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री : कर्ज वसूली 30 और वितरण 70 फीसदी गिरा

पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद माइक्रोफाइनेंस इंडस्‍ट्री को सबसे गहरा धक्‍का पहुंचा है। देश के गांवों और कस्बों को वित्तीय समावेशी बनाने में माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री अहम भूमिका निभाती है। माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की कर्ज वसूली और कर्ज वितरण की रफ्तार लगभग रुक गई है। कर्ज वसूली में 30 फीसदी और वितरण में 70 फीसदी की गिरावट आई है।
नोटबंदी से ग्रामीण परेशान, पीएम मोदी ने जो किया वह दुश्‍मन भी नहीं करता : येचुरी

नोटबंदी से ग्रामीण परेशान, पीएम मोदी ने जो किया वह दुश्‍मन भी नहीं करता : येचुरी

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के कदम के लिए मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए सोमवार को कहा कि ग्रामीण भारत को चोट पहुंचाने के लिए कोई दुश्‍मन भी नोटबंदी से बेहतर योजना नहीं बना सकता था।
आर्थिक संकट में मनरेगा, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मांगे 10000 करोड़

आर्थिक संकट में मनरेगा, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मांगे 10000 करोड़

गरीबों के लिए लाई गई योजना मनरेगा आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। चालू वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त आवंटन के बावजूद काम मांगने वालों की संख्या बढ़ने से सालभर के लिए आवंटित राशि खत्म हो गई है। गांव के गरीबों को रोजगार मुहैया कराने वाली योजना को आगे चलाने के लिए दस हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की गई है।
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को अपने ही प्रदेश के डॉक्टर लगते हैं अड़ियल बैल

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को अपने ही प्रदेश के डॉक्टर लगते हैं अड़ियल बैल

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते विवादित बयान देने में आगे हैं। उनका एक और विवादास्पद बयान सामने आया है। इस बार उन्‍होंने अपने प्रदेश यानी मध्‍यप्रदेश के डॉक्‍टरों पर निशाना साधा है। उन्होंने मध्यप्रदेश के डाॅॅक्टरों को 'अड़ियल बैल' बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इन डाॅॅक्टरों पर किसी प्रकार की सख्ती नहीं की जा सकती। वह सख्‍ती करने पर पूरी तरह असमर्थ हैं।
सराहनीय पहल: किन्नर समुदाय के लिए भोपाल नगर निगम बनाएगा शौचालय

सराहनीय पहल: किन्नर समुदाय के लिए भोपाल नगर निगम बनाएगा शौचालय

देश में संभवत: पहली दफा एक नगर निगम किन्नर समुदाय के लिए विशेषतौर पर शौचालय बनाने जा रहा है। भोपाल नगर निगम (बीएमसी) स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में यह शुरुआत करने जा रहा है।
अगस्त में शहरों में बेरोजगारी बढ़ी

अगस्त में शहरों में बेरोजगारी बढ़ी

बीएसई और सीएमआईई द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार अगस्त में देश में शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी की दर बढ कर 11.24 प्रतिशत रही जो ग्रामीण क्षेत्र के 9.18 प्रतिशत से अधिक है।
सावधान : 57 % डॉक्‍टर बिना मेडिकल क्वालिफिकेशन के कर रहे आपका ईलाज

सावधान : 57 % डॉक्‍टर बिना मेडिकल क्वालिफिकेशन के कर रहे आपका ईलाज

विदेशों में शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य को जीवन का सबसे महत्‍वपूर्ण पहलू माना जाता है। लेकिन इससे उलट हमारे देश में इन दोनों क्षेत्रों पर घोर लापरवाही की जाती है। इसका एक सटीक उदाहरण विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की एक रिपोर्ट में आपको मिल सकता है।
ईयूू से अलग होने के लिए ब्रिटेन में जनमत संग्रह, कहीं मुसलमानों का डर तो नहीं

ईयूू से अलग होने के लिए ब्रिटेन में जनमत संग्रह, कहीं मुसलमानों का डर तो नहीं

आर्थिक रुप से जुड़े यूरोप के देशों के संगठन यूरोपीय यूनियन से अलग होने के लिए ब्रिटेन में जनमत संग्रह हो रहा है। मीडिया में खबर आ रही है कि मुसलमानों के डर की वजह से भी इस तरह का जनमत संग्रह कराया जा सकता है। जनता के फैसले के बारे मेंं शुक्रवार को पता चलेगा। सबसे बड़ा सवाल है कि ब्रिटेन जमनत संग्रह क्यों करा रहा है। जानकारों का कहना है कि मुस्लिम प्रवासियों की बढ़ती तादाद से ब्रिटेन को खासी चिंता है।
ग्रामीण भारत में बढ़ी बेरोजगारी, शहरों में घटी

ग्रामीण भारत में बढ़ी बेरोजगारी, शहरों में घटी

देश के ग्रामीण हिस्सों में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों में बेरोजगारी की दर बढ़ी है। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी छमाही सर्वे के ताजा आंकड़े बताते हैं कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दरों में कमी आई है लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले यहां बेरोजगारी अधिक है।
दस साल में मनरेगा में  3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च, भ्रष्टाचार बाधक बनकर उभरा

दस साल में मनरेगा में 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च, भ्रष्टाचार बाधक बनकर उभरा

गांव के हालात बदलने और लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कल 10 वर्ष पूरे होंगे। इस योजना पर अब तक 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। हालांकि उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, मणिपुर जैसे कई राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर भ्रष्टाचार एवं अनियमिताताओं की शिकायतें बाधक के रूप में उभर कर सामने आई हैं।
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