भारत की आजादी का विभाजन त्रासदी का महाकाव्य है। इस पर अनगिनत फिल्में बनाई जा सकती हैं। इस फिल्म के इतने आयाम हैं कि विश्व का हर फिल्मकार भी उस त्रासदी पर फिल्म बनाए तो भी कहानी पूरी न हो।
विवादास्पद मांस निर्यातक मोईन कुरैशी भारत लौट आए हैं और संभवत: वह प्रवर्तन निदेशालय :ईडी: के समक्ष पेश होंगे। धनशोधन मामले में कुरैशी की भूमिका की जांच प्रवर्तन निदेशालय की कर रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने से राष्ट्रीय पार्टियों को लाभ होगा लेकिन छोटे क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका गौण होगी जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
विवादों के लिए चर्चित दिल्ली के मांस निर्यातक मोइन कुरैशी को आज अधिकारियों ने थोड़े समय के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया पर बाद में उन्हें दुबई के लिए उड़ान पकड़ने की छूट दे दी गई। कुरैशी को मनी लॉंड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी तलाश नोटिस के आधार पर रोका गया था।
जिस पार्टी ने अजीज कुरैशी को राज्यपाल जैसे पद से नवाजा उसी पार्टी के खिलाफ उनका मोर्चा खोलना कई कांग्रेसियों को नागवार गुजरा है। पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता रहे उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी द्वारा पार्टी तथा उसके नेतृत्व के खिलाफ की गई टिप्पणी को दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए आज कहा कि उनके जैसे वरिष्ठ नेता से ऐसे बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती।
यह तो मानना ही पड़ेगा कि चमत्कार एक ही बार होता है। निर्देशक मुजफ्फर अली ने एक बार उमराव जान बना दी और इसी की बदौलत आज तक उनकी पहचान है। जांनिसार में वह यह जादू दोहरा नहीं पाए हैं।