भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।
अगर शीर्षक पढ़ कर चौंक गए हैं तो सही चौंके हैं। लेकिन उतना भी सही नहीं। दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन सरकार की कन्यादान योजना के तहत अब उन वर-वधू को 12,000 रुपये की सहायता देंगे जिनके घर में शौचालय नहीं है। इस पैसे से नवदंपति शौचालय बनवाएंगे। तो हुआ न यह कन्यादान में शौचालय।
शहंशाह-ए-तरन्नुम मोहम्मद रफी के फैंस न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी एकजुट हो रहे हैं। वजह है कि अब रफी साहब को भी भारत रत्न से नवाजा जाए। आने वाले सप्ताह में सरकार के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए पूरी दुनिया से उनके फैंस दिल्ली में इक्ट्ठा हो रहे हैं।
केंद्र की मोदी सरकार अगर कारोबार को बढ़ावा देने के नाम पर श्रम कानूनों में बदलाव के अपने एजेंडे पर अड़ी रहती है तो देश की मजदूर यूनियनें इसके खिलाफ हड़ताल पर जाने से नहीं हिचकेंगी। इसमें भाजपा से जुड़ी श्रमिक यूनियनें भी शामिल होंगी। इस बारे में कोई भी फैसला 26 मई को लिए जाने की उम्मीद है।