मुंबई के ब्रीच कैंडी में स्थित लिंकन हाउस को मशहूर उद्योगपति साइरस पूनावाला ने खरीद लिया है। 750 करोड़ रुपये में हुई इस डील को संपत्ति के क्षेत्र में देश का अब तक का सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है।
दो काव्य-संग्रह, नदी के पार नदी (2002), नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली, मैं सड़क हूं (2011), बोधि प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित। देश की सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं,आलेख,समीक्षाएं प्रकाशित। कुछ संपादित संग्रहों में कविताओं का चयन। हिंदी समय, (महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा) पर काव्य संग्रह' मैं सड़क हूं' की ई पुस्तक सहित कई कविताएं शामिल। कुछ कहानियां/लघु-कथाएं प्रकाशित। दूरदर्शन/आकाशवाणी से कविताओं/कहानियों का प्रसारण।
राष्ट्रपति भवन में चाहे और बहुत कुछ हो मगर सफाई जरा कम है। हाल ही में जारी स्वच्छता अभियान रेटिंग में राष्ट्रपति भवन पिछड़ गया है। राष्ट्रपति भवन को हैदराबाद हाउस, विज्ञान भवन और जवाहरलाल नेहरू भवन ने पछाड़ा है।
क्वीन फिल्म का पुरस्कार जीतने का सिलसिला जारी है। विकास बहल की इस फिल्म ने आईफा अवॉर्ड समारोह में भी इस परंपरा को बनाए रखा। सोहलवें आईफा अवॉर्ड में क्वीन के साथ विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर की झोली में भी कई पुरस्कार आए। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री कंगना रनौत और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार शाहिद कपूर के नाम रहा।
कारगिल शहीद सौरभ कालिया मामले पर बदला सरकार का रुख। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि शहीद सौरभ कालिया सहित पांच अन्य भारतीय जवानों को न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद इंटरनेशनल कोर्ट में जाएगी। केंद्र सरकार ने आज ही यह निर्णय लिया है। इससे पहले संसद में विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह की ओर से दिए जवाब के हवाले से खबर आई थी कि सरकार इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में नहीं ले जाना चाहती है।
लुइसियाना से भारतीय अमेरिकी गवर्नर बॉबी जिंदल ने व्हाइट हाउस पर अपनी नजर रखते हुए एक अन्वेषण समिति गठित की है जो वर्ष 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए एक रिपब्लिकन उम्मीदवार के तौर पर उनकी चुनौती को मजबूत करने की संभावना टटोलेगी।
एक तरफ दुनिया भर के देशों में अमेरिकी एजेंसियां और कंपनियां ड्रोन के जरिए सर्विलांस को बढ़ावा दे रही हैं। वहीं अमेरिका ने राजधानी वाशिंगटन के व्हाइट हाउस, कैपिटल हिल एवं पेंटागन जैसी कुछ सरकारी इमारतों को ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसका उल्लंघन करने वाले को भारी जुर्माना और आपराधिक दंड सहना पड़ सकता है। अमेरिका को देखकर दुनिया के बाकी देशों में भी ड्रोन पर प्रतिबंध का सिलसिला जोर पकड़ सकता है।