प्रतिरोध का सिनेमा अभियान 12 साल का हो गया है। हर साल कुछ चुनिंदा फिल्में, फिल्मकार और बुद्धिजीवी जुटते हैं और सिनेमा की भाषा में वह कहते हैं जो आम आदमी भी कहना चाहता है।
नोबल पुरस्कार विजेता और बच्चों के हक की लड़ाई लड़ने वाले कैलाश सत्यार्थी ने देश में बढ़ रहे बाल यौन उत्पीड़न और ट्रैफिकिंग के खिलाफ युद्ध स्तर पर लड़ाई छेड़ने का एलान किया है। वह लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए 11 सितंबर से कन्याकुमारी से भारत यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा विभिन्न हिस्सों से होते हुए 16 अक्तूबर को दिल्ली में समाप्त होगी। करीब एक करोड़ लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा।
सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय रहने वाली भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पास एक बार फिर किसी ने मदद के लिए गुहार लगाई है। इस बार तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के एक परिवार ने मदद मांगी है।
सिनेमा ऐसा माध्यम है, जिसने कला की हर विधा के अस्तित्व को जीवित रखा है, कारण है संगीत, संवाद, कहानी लेखन, अभिनय, छायांकन, रचनात्मकता और प्रबंधन का सम्मिश्रण।