Advertisement

Search Result : "Sharad Tripathi passes away"

महिला नेतृत्व मनवाएगा लोहाः सुप्रिया सुले

महिला नेतृत्व मनवाएगा लोहाः सुप्रिया सुले

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने मौजूदा राजनीतिक हालात में महिला नेताओं की भूमिका और महिला सशक्तीकरण के मुद्दों पर रखी है अपनी बेबाक राय
पूरे विश्व के हैं बंसी कौल

पूरे विश्व के हैं बंसी कौल

बंसी कौल ने कला जगत में कई बिरवे रौंपे। ये रौंपे अब वृक्ष बन कर लहलहा रहे हैं। अभिनय की नाल से निकले हजारों खिले हुए कमलों ने उनका नाम रोशन कर दिए। उन्हीं बंसी कौल के रंगकर्म पर हुआ अनूठा कार्यक्रम।
एक जिद, एक आयोजन

एक जिद, एक आयोजन

यदि फिल्मों का खुमार है तो रंगमंच की दीवानगी भी कुछ कम नहीं है। कुछ तो खास है मंच के इन किरदारों में कि दर्शक बेसब्री से चले आते हैं और इंतजार करते हैं, यवनिका के उठने का।
असहिष्‍णुता पर बयान देकर चौतरफा घिरे आमिर खान

असहिष्‍णुता पर बयान देकर चौतरफा घिरे आमिर खान

देश में असहिष्णुता के कारण बढ़ती बेचैनी पर अपनी टिप्पणी के लिए अभिनेता आमिर खान चौतरफा आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं। जहां भाजपा ने उनके बयान को देश को बदनाम करने की कांग्रेस की गहरी राजनीतिक साजिश करार दिया वहीं हिंदू सेना ने मुंबई स्थित उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर उनसे टिप्पणी वापस लेेने की मांग की।
मनोहर बने बीसीसीआई अध्यक्ष, क्रिकेट में लाएंगे लोकपाल

मनोहर बने बीसीसीआई अध्यक्ष, क्रिकेट में लाएंगे लोकपाल

वकील से प्रशासक बने शशांक मनोहर को भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया। इसी के साथ बीसीसीआई में नए युग की शुरूआत हुई और एन श्रीनिवासन का इस धनाढ्य खेल संस्था पर से दबदबा समाप्त हो गया।
बीसीसीआई अध्यक्ष का चयन 4 को, मनोहर पर मुहर तय

बीसीसीआई अध्यक्ष का चयन 4 को, मनोहर पर मुहर तय

बीसीसीआई ने अपने नए अध्यक्ष के चयन के लिए 4 अक्तूबर को आमसभा की विशेष बैठक बुलाई है जिसमें नागपुर के वकील शशांक मनोहर सभी की पसंद के उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं।
वीरेन का जाना, जीवंत वामपंथी प्रतिज्ञा को गहरा आघात

वीरेन का जाना, जीवंत वामपंथी प्रतिज्ञा को गहरा आघात

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी साम्राज्यवाद और राष्ट्रीय स्तर पर नरेंद्र मोदी-मार्का हिंदुत्ववादी फासीवाद के मौजूदा वर्चस्व के दौर में वीरेन डंगवाल (1948-2015) की कविता किसी आत्मीय, जीवंत, वामपंथी प्रतिज्ञा की तरह सामने आती है।
बुजुर्ग को इंसाफ दिलाने वाले आशुतोष के जज्‍बे को सलाम

बुजुर्ग को इंसाफ दिलाने वाले आशुतोष के जज्‍बे को सलाम

लखनऊ के फोटो जर्नलिस्‍ट आशुतोष त्रिपाठी के कैमरे से ली गईं कुछ तस्वीरों ने न सिर्फ एक बुजुर्ग टाइपिस्‍ट को इंसाफ दिलाया बल्कि सोशल मीडिया की ताकत का भी अहसास करा दिया। पूरी ईमानदारी और साहस से अपना फर्ज निभाने वाले आशुतोष के जज्‍बे की भी खूब तारीफ हो रही है।
नियति से निर्वाण की कथा रंग राची

नियति से निर्वाण की कथा रंग राची

मीरांबाई की संघर्ष-यात्रा को केंद्र में रखकर लिखा गया उपन्यास ‘रंग राची’ आखिरकार पाठकों तक पहुंच ही गया। दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार में नामवर सिंह ने अध्यक्षीय आशीर्वचन दिया। उन्होंने कहा, ‘हिंदी में बहुत कवयित्रियां हुई लेकिन जो स्थान मीरां ने बनाया वह सब के लिए आदर्श है। मीरा को करूणा, दया के पात्र के रूप में देखने की जरूरत नहीं है, मीरां स्त्रियों के स्वाभिमान की प्रतीक हैं।’ इस उपन्यास को सुधाकर अदीब ने लिखा है और यह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।
मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान यानी श्मशान के इर्द-गिर्द भी प्रेम पनपता है। जलती चिता से उठती चिंगारियां दिल की कोमलता को नहीं झुलसा पातीं। नीरज घायवन ने कम संसाधनों में एक बढ़िया फिल्म रच दी है। दो कहानियां अतंतः एक ही मंजिल को पहुंचती हैं, त्रासदी।
Advertisement
Advertisement
Advertisement